Representational Pic
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  • मोबाइल और डाटा पैक न होना सबसे बड़ी समस्या

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सूरज पांडे

मुंबई. कोरोना महामारी का दुष्प्रभाव स्वास्थ्य, व्यापार, रोजगार और शिक्षा भी देखने को मिला है. स्कूली विद्यार्थियों की पढ़ाई भी इस वर्ष काफी प्रभावित हुई है. 

वैसे तो मुंबई के निजी और मनपा स्कूलों में विद्यार्थियों को ऑनलाइन शिक्षा दी जा रही है, लेकिन अब भी 70,689 विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं. शिक्षा अधिकारियों की माने तो स्मार्ट फ़ोन न होना और कइयों के पास डाटा पैक न होना विद्यार्थियों के ऑनलाइन शिक्षा का रोड़ा बन हुए हैं.

कुछ विद्यार्थी अब भी मुंबई नहीं लौटे

स्कूली विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान न हो इसलिए सरकार ने ऑनलाइन शिक्षा का विकल्प चुना. सभी सरकारी, मनपा और निजी स्कूलों को ऑनलाइन शिक्षा देने का आदेश जारी किया गया. मनपा के शिक्षा विभाग से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, मुंबई में पहली से 10वीं के कुल 5,98,464 जिसमें अनुदानित, गैर अनुदानित (प्राइवेट) और मनपा स्कूलों के विद्यार्थियों का समावेश है. इनमें से कुल 70,689 विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा से अब भी नहीं जुड़े हैं. मनपा स्कूलों में पढ़ने वाले कुल 2,47,540 विद्यार्थियों में से 46,064 बच्चे ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले रहे हैं. जबकि अनुदानित से 6,054 और गैर अनुदानित (प्राइवेट) से 18,571 विद्यार्थी ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं. मनपा के शिक्षा अधिकारी महेश पालकर ने बताया कि आज भी कई विद्यार्थियों के अभिभावकों के पास स्मार्ट फोन नहीं है तो कुछ के पास इंटरनेट रिचार्ज कराने का पैसा नहीं है. कुछ विद्यार्थी अब भी मुंबई नहीं लौटे हैं. इन्हीं कारणों के चलते उक्त विद्यार्थी शिक्षा नहीं ले पा रहे हैं, लेकिन हम विद्यार्थियों से संपर्क कर उनकी समस्याओं को जानकर उसे हल कर उन्हें फिर से शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रयासरत हैं.

 मनपा और एनजीओ ने बढ़ाया मदद का हाथ

मनपा शिक्षा अधिकारी महेश पालकर ने बताया कि उन्होंने कई एनजीओ से विद्यार्थियों की सहायता के लिए गुहार लगाई है. इसमें “प्रोजेक्ट मुंबई” नामक संस्था को 40 हजार विद्यार्थियों की लिस्ट दी गई है जिनका संस्था द्वारा निशुल्क डाटा रिचार्ज कराया जाएगा. संस्था ने लगभग 1500 विद्यार्थियों के फोन में रिचार्ज भी करवाया है.

नौकरी बचाए या पढ़ाई कराए!

मनपा स्कूलों में आर्थिक रूप से कमजोर कई विद्यार्थी है जिनके घर में केवल एक स्मार्ट फोन है वो भी उनके पिता का. कई अभिभावक लॉकडाउन के कारण आर्थिक तंगी से जूझ रहे है. अब अभिभावक अपनी नौकरी बचाने और घर के सदस्यों के पालन पोषण को प्राथमिकता दे रहा है न की पढ़ाई को. कइयों के पास डाटा पैक रिचार्ज कराने तक के पैसे नहीं है. -शिशिर जोशी, संस्थापक और सीईओ, प्रोजेक्ट मुंबई

आर्थिक तंगी, नेटवर्क की समस्या

काफी अभिभावकों के पास स्मार्ट फ़ोन लेने के पैसे भी नहीं है. जिनके पास है उनके पास रिचार्ज कराने के पैसे नहीं है. मुंबई के भी कुछ इलाकों में नेटवर्क का इशू है. मनपा भी शिक्षा से वंचती विद्यार्थियों तक पहुंचने के फ़ोन और होम विजिट कर रही है, जो कि सराहनीय है. – बालचंद्र सहारे, रिसर्च मैनेजर प्रथम फाउंडेशन

विद्यार्थियों तक पहुंच रहे हैं

महेश पालकर ने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा न लेने विद्यार्थियों से निरंतर शिक्षा अधिकारियों द्वारा संपर्क साधने के प्रयास किया जा रहा है. काफी विद्यार्थियों के अभिभावकों को कॉल किया गया और जिनके कॉल नहीं लगे उनके घरों पर भी विजिट किया गया. कुछ विद्यार्थी अभी भी मुंबई नहीं लौटे है.

शिक्षा से वंचित 

  • मनपा- 46064
  • गैर अनुदानित -18571
  • अनुदानित – 6054
  • कुल- 70689

कुल विद्यार्थियों की संख्या

  • मनपा- 2,47,540
  • गैर अनुदानित- 247560
  • अनुदानित- 103364
  • कुल- 598464