BDD chawl redevelopment plan changes, now 40-storey building to be built!

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मुंबई. राज्य सरकार (State Government) की महत्वाकांक्षी बीडीडी चाल पुनर्विकास परियोजना (BDD Chawl Redevelopment Project) की गति धीमी गति पड़ गई है। राज्य सरकार ने बीडीडी पुनर्विकास योजना में कई बदलाव करने का फैसला किया है। इससे पहले प्लान बनाया गया था कि इमारतों ऊंचाई 22 मंजिला होगी, लेकिन अब उसमें  परिवर्तनों करके 35 से 40 मंजिला इमारतों का निर्माण किया जाएगा। 

बेसमेंट (Basement) और पार्किंग (Parking ) को रद्द करके अब लोगों को  शिविरों में भेजने के बजाय प्रत्यक्ष पुनर्वास भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके अध्ययन के लिए एक समिति का गठन किया गया है। समिति 10 जनवरी तक अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। यदि यह रिपोर्ट (Report) स्वीकृत हो जाती है, तो इस परिवर्तन के साथ नई परियोजना को लागू करने के लिए सभी अनुमतियों को फिर से लेना होगा और अन्य प्रक्रियाओं को नए सिरे से  शुरु करना होगा। आशंका जताई जा रही है कि परियोजना निश्चित रूप से कुछ साल पीछे चली जाएगी, लेकिन म्हाडा (MHADA) ने परियोजना में देरी होने से इनकार किया है।

पात्रता का काम भी रुका हुआ है

 मुंबई के वर्ली, एन. एम. जोशी मार्ग और नायगांव  बीडीडी चाल की खराब स्थिति के कारण राज्य सरकार ने  बीडीडी चाल पुनर्विकास परियोजना  शुरू की गई थी। इस परियोजना की जिम्मेदारी म्हाडा को दी गई। 4 साल पहले शुरु हुई परियोजना में अभी तक एक भी ईंट नहीं रखी जा सकी है। निवासियों की पात्रता का काम  भी अटका हुआ है।  परियोजना की धीमी गति को लोग आशंका व्यक्त कर रहे हैं कि इसमें और विलंब होने की संभावना है।

पार्किंग के लिए अलग इमारत

इससे पहले जो योजना बनाई गई थी, उसमें  पुनर्वसन के लिए बनाई जानी वाली इमारतें  22 मंजिला रहने वाली थी और  इसमें बेसमेंट के अलावा स्टिल्ट पार्किंग भी बनाया जाना था।  इसी योजना के साथ परियोजना को मंजूरी दी गई थी। लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। यहां बनाया जाने वाला ट्रांजिट कैंप को रद्द किया जा रहा है। अब सीधे इमारतों को निर्माण शुरु किया जाएगा। इमारतें बहुमंजिला होंगी, वाहनों की पार्किंग के लिए अलग से इमारत बनाई जाएगी। जिसमें सिर्फ पार्किंग ही होगी। 

समिति का गठन 

योजना में बदलाव का अध्ययन करने के लिए म्हाडा उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया गया है।  समिति यह अध्ययन करेगी कि क्या ये बदलाव संभव हैं और ये कैसे किए जा सकते हैं। समिति अपनी रिपोर्ट 10 जनवरी  को प्रस्तुत करेगी।

यह आशंका निराधार है कि बदलाव के फैसले से परियोजना में देरी होगी। 10 जनवरी को समिति की रिपोर्ट आने की उम्मीद है। परियोजना के टेंडर में कोई बदलाव नहीं होगा। इसके बजाय बेसमेंट, पार्किंग को कम कर परियोजना लागत को कम करके गति देने का उद्देश्य है।

-योगेश म्हसे, मुख्य अधिकारी, म्हाडा मुंबई बोर्ड