ट्रेनों के सुरक्षित परिचालन में डटे सीआर के गेटमैन

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मुंबई. मध्य रेल के कई कर्मचारी इस कठिन समय में अपनी ड्यूटी पर डटे हुए हैं.कोविड-19 के चलते लॉकडाउन में विभिन्न स्थानों पर गेटमैन ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.कोरोना के कारण मेन पावर सीमित होने के बावजूद कई गेटमैन अपनी जिम्मेदारी और दक्षता के साथ चौबीसों घंटे अपनी ड्यूटी कर रहे हैं.

गेटमैन राजनिरंजन चौबे ऐसे मूक योद्धाओं में से एक हैं,जो ट्रेनों को सुचारू रूप से चलाने में भूमिका निभा रहे हैं. मध्य रेल के वांगनी और शेलू स्टेशन के बीच इंजीनियरिंग गेट नंबर -8 पर ड्यूटी कर रहे हैं. 

 काम को लेकर सतर्क

नितिन मोरे और नरेंद्रकुमार भी चौबे के साथ ही गेट पर शिफ्ट ड्यूटी कर रहे हैं.इसी तरह रतनदीप दलवी, गेटमैन- पॉइंट्समैन हैं और टिटवाला के पास ट्रैफिक गेट नंबर 5 ए पर गेटमैन के रूप में काम करते हैं. रोहिदास कक्कड़, दलवी के साथ शिफ्ट ड्यूटी पर गेट पर काम करने वाले एक और पॉइंट्समैन हैं.ये सभी प्रशिक्षित और काम को लेकर सतर्क हैं. असामान्य घटनाओं में गेटमैन के ऊपर बड़ी जिम्मेदारी आ जाती है.कई बार वाहन चालक रेलवे क्रॉसिंग गेट के पास जाने के दौरान गेट से प्रवेश करने की कोशिश करते हैं.जब भी वे रेलवे क्रॉसिंग गेट के पास जाते हैं और चेतावनी अलार्म चालू होने के बाद भी उन्हें पार करने की कोशिश करते हैं,तो गेटमैन उन्हें सुरक्षा के लिए सलाह और सूचना देते हैं.

हमेशा रहना होता है अलर्ट

गेटमैन को अलर्ट रहना होता है, सभी गुजरने वाली ट्रेनों की सेफ्टी का निरीक्षण,यदि फाटक के पास एक सिग्नल ख़राब होता है तो गेटमैन हैंड सिग्नल से ट्रैन निकलने को पायलेट करता है  गेट सिग्नल ख़राब होने की स्थिति में गेटमैन आवश्यक होने पर सिग्नल को ‘पोजिशन ऑन’ स्थिति में बनाए रखता है.