मीरा-भायंदर: काशी मीरा (Kashimira) परिसर से मनपा अधिकारियों का एक हैरत करने वाला मामला सामने आए है। मामला काशी मीरा के हाटकेश परिसर में मौजूद गोल्डन पैलेस लॉजिंग एंड बोर्डिंग होटल (Golden Palace Lodging and Boarding Hotel) का है।
गोल्डन पैलेस लॉजिंग एंड बोर्डिंग होटल के मालिक इब्राहिम सत्तार (Ibrahim Sattar) की माने तो उन्होंने कोविड-19 (Covid-19) महामारी के दौरान उन्होंने अपना पूरा होटल कोरोना से लड़ाई लड़ने वाले मनपा के अधिकारियों ,कर्मचारियो ,डॉक्टरों और नर्स मुफ्त में रहने के लिए दिया था। उस समय तत्कालीन मनपा आयुक्त आईपीएस चन्द्रकान्त डांगे ने उनकी तारीफ करते हुए कोरोना की लड़ाई में योगदान देने के लिए काफी तारीफ की थी।
A hotel in Mira-Bhayandar which was being used as corona isolation centre a few months ago faced demolition by the Municipal Corporation#Mumbai @mybmc #BuildingDemolition pic.twitter.com/54oiSTYTrF
— NavaBharat (@enavabharat) October 14, 2020
अब जैसे ही मनपा आयुक्त चन्द्रकान्त डांगे की बदली हुई मनपा के कुछ अधिकारियों और कर्मचारियो ने कथित तौर पर शहर के कुछ नेताओं और समाज सेवको के साथ मिलकर इब्राहिम सत्तार के होटल के खिलाफ मुहीम छेड़ दी। जिसका नतीजा ये हुआ कि मनपा के तोड़क विभाग ने 13 अक्टूबर को गोल्डन पैलेस होटल को अवैध बता कर तोड़ डाला।
अब सवाल ये उठता है कि अगर इब्राहिम सत्तार का होटल अवैध था तो मनपा के आयुक्त चन्द्रकान्त डांगे ने कैसे कोरोना काल के दौरान होटल को अपने तांबे में लेकर उसका इस्तेमाल अपने कर्मचारियो को रखने के लिए किया। अपने होटल पर मनपा द्वारा हुई तोड़क कार्रवाई के बाद इब्राहिम सत्तार ने मनपा अधिकारी और एक स्थानीय नेता पर गंभीर आरोप लगाते हए यह कहा कि उन्होंने उनसे 30 लाख रुपए की मांग की थी जब उनकी पूरी मांग नहीं मानी गई तो उन्होंने द्वेष भावना से यह तोड़क कार्रवाई की है।
गोल्डन पैलेस लॉजिंग एंड बोर्डिंग होटल की ही तरह और भी सैकड़ो होटल और बार शहर में अवैध तरीके से बनाए गए हैं। जिनपर कुछ महीने पहले तत्कालीन मनपा आयुक्त नरेश गीते ने कोर्ट के आदेश के बाद तोड़क कार्रवाई की थी। मगर जैसे ही मनपा आयुक्त नरेश गीते का तबादला हुआ वैसे ही कोर्ट के आदेश पर तोड़े गए सभी अवैध लॉजिंग बोर्डिंग और होटल बन कर तैयार हो गए हैं।
– राजा मयाल