Taxi

    Loading

    मुंबई. कोरोना (Corona) के बढ़ते मामलों के बीच राज्य सरकार द्वारा घोषित पूर्ण लॉकडाउन (Full Lockdown) का गंभीर असर रिक्शा-टैक्सी चालकों (Rickshaw-Taxi Drivers) पर पड़ने वाला है। राज्य सरकार ने जहां रिक्शा चालकों को 1500 रुपए पैकेज (Package) देने की घोषणा की है, वहीं टैक्सी चालकों के लिए कोई पैकेज न देने से उनमें नाराजगी फैल गई है। मुंबई टैक्सी मेंस यूनियन ने मुख्यमंत्री से पैकेज की मांग की है।

    एक तरफ रिक्शा चालक एवं उनके संगठन पैकेज राशि की कमी को लेकर नाराजगी जता रहे हैं,दूसरी तरफ टैक्सी चालकों के कहना है,कि मुंबई में अधिकांश टैक्सी चालक परप्रांतीय हैं, इसलिए उद्धव सरकार ने उन्हें कोई पैकेज नहीं दिया। मुंबई टैक्सी मेंस यूनियन के नेता ए. एल. क्वाद्रोस ने कहा कि राज्य भर में 12 लाख रिक्शा चालक हैं, जबकि मुंबई में  80 हजार टैक्सी चालक हैं, जिनमें अधिकांश परप्रांतीय हैं। टैक्सी चालक भी गरीब हैं, इन्हें सरकार को मदद करनी चाहिए। क्वाद्रोस ने कहा कि पिछली बार भी लोकल पैसेंजर को इजाजत नहीं थी और इस बार भी नहीं है। इसके अलावा  इमरजेंसी में, टैक्सी में भी रिक्शा की तरह मात्र 2 पैसेंजर बिठाने की इजाजत दी गई है। 

    मुख्यमंत्री से पूछा सवाल- हमने क्या पाप किया 

    मुंबई में पिछले 35 साल से टैक्सी चलाने वाले रामजनम तिवारी ने कहा कि टैक्सी में कम से कम तीन पैसेंजर को बिठाने की परमिशन होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि हमने क्या पाप किया है, जो पैकेज नहीं दिया जा रहा। एक और टैक्सी चालक मुमताज अली ने कहा कि जब रोड पर पब्लिक ही नहीं रहेगी तो टैक्सी क्या चलेगी। उधर रिक्शा चालकों को मात्र 1500 रुपए पैकेज दिए जाने पर संघर्ष रिक्शा यूनियन के संस्थापक सुरेंद्र उपाध्याय ने कहा कि कम से कम 10 हजार का पैकेज रिक्शा वालों को मिलना चाहिए था। रिक्शा चालकों की हालत बहुत खराब है। रिक्शा चालक रामदरस मिश्रा ने कहा कि लॉकडाउन की वजह से अब हम लोग पलायन के लिए मजबूर हैं। 1500 रुपए के पैकेज पर कई रिक्शा चालकों ने असंतोष जताते हुए कहा कि पैकेज पाना भी मुश्किल होगा।