- 25 से शुरू होने वाली थीं एमबीएमटी की बस सेवाएं
अनिल चौहान
भायंदर. भाजपा के पूर्व विधायक नरेंद्र मेहता के जन्मदिन 25 सितंबर से मीरा-भायंदर मनपा परिवहन (एमबीएमटी)सेवा शुरू करने का आधिकारिक ऐलान मनपा उपायुक्त अजीत मुठे और सभागृह नेता प्रशांत दलवी ने किया था. मगर दो दिन बीतने के बाद भी बसों का परिचालन शुरू नहीं हो पाया है.इससे साफ हो जाता है कि सत्तापक्ष और प्रशासन, दोनों ने मिलकर बस चलाने की झूठी कहानी गढ़ी थी.
बसों का परिचालन शुरू न हो पाने के सवाल पर उपायुक्त अजीत मुठे ने शुक्रवार को कहा था कि ठेकेदार भागीरथी ट्रांस कॉर्पो.प्रा.लि.के साथ पूरक अनुबंध नहीं हो पाया,इसलिए बसें आज से नहीं चल पाई. वैसे भी बस चालने की जिम्मेदारी ठेकेदार की है. मगर बस शनिवार से शुरू हो जाएगी.
डिपो के गेट पर चालकों-परिचालकों का धरना
उधर, वेतन से वंचित कुछ चालक- परिचालक डिपो के गेट के बाहर धरने पर हैं.उनका कहना है कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा,तब तक वे न बस चलाएंगे और न ही चलने-चलाने देंगे.डिपो से बसें निकलीं तो उनके ऊपर से होकर गुजरेंगी.ठेकेदार मनोहर सकपाल ने कहा कि धरने पर बैठे परिवहन कर्मचारी काम ही नहीं किये हैं तो फिर उन्हें वेतन देने का सवाल ही नहीं पैदा होता है?
यात्रियों की भावनाओं से खिलवाड़
ठेकेदार और परिवहन कर्मियों के बीच तनातनी बरकरार है.सत्तापक्ष व प्रशासन तनातनी खत्म करने के लिए मध्यस्ता ही नहीं करना चाहता है. यात्रियों का कहना है दोनों को बस चलाने की नहीं पड़ी है. सिर्फ यात्रियों की भावना से खेल रहे हैं. सत्तापक्ष भाजपा के नगरसेवक ध्रुवकिशोर पाटिल ने कहा कि मनपा के पेरोल पर 20 पुलिस का स्टाफ हैं. परिवहन सेवा शुरू कराने के लिए प्रशासन को इनका सहारा लेना चाहिए.
मजबूर क्यों है मनपा
उपायुक्त मुठे ने साफ शब्दों में कहा था कि अगर ठेकेदार बसें नहीं चला पाया तो ठेका रदद् कर देंगे और बसों का परिचालन खुद मनपा करेगी.अब सवाल उठता है कि ऐसी क्या मजबूरी है? जो मनपा उसी ठेकेदार से बसें चलवाना चाहती है.इतना ही नहीं परिवहन समिति ठेकेदार के पक्ष में कई निर्णय की है. 50 फीसदी कम यात्री उठाने की शर्त से होने वाले नुकसान की भरपाई,10 अगस्त तक प्रत्यक्ष रूप से काम किये कर्मचारियों का वेतन,भाड़ा के अलावा 26 रुपए प्रति किमी.अतिरिक्त रकम का भुगतान तथा अप्रैल से सितंबर तक का आरटीओ व बीमा की रकम भी मनपा को देना है.