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  • बजाजनगर थाने में आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज

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नागपुर. यूएसए में रह रहे दम्पति के बजाजनगर स्थित फ्लैट पर एक व्यक्ति द्वारा जबरन कब्जा करने मामला सामने आया है. पुलिस ने फरियादी एनआरआई आशीष मल्होत्रा ​​और सोनिया मल्होत्रा की शिकायत पर आरोपी अजय उत्तरवार के खिलाफ आईपीसी धारा 448 के तहत मामला दर्ज कर लिया है. इस दंपति का बजाननगर क्षेत्र के राहे कॉलोनी, इंद्रनील हाईट्स फ्लैट क्रमांक 903 है. आरोपी अजय उत्तरवार ने मालिक विदेश में रहने का फायदा उठाते हुए फ्लैट पर अवैध रूप से कब्जा जमा लिया था और इस दौरान उसने दंपति पर फ्लैट बेचने के लिए दबाव डाला. ऐसा नहीं करने पर उसने कई बार फर्जी मामलों में फंसाकर उन्हें कानूनी कार्रवाई में फंसाने की धमकी दी. इसे लेकर उन्होंने पुलिस से शिकायत की. जांच कर आरोपी के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.

फ्लैट बेचने पर डाला दबाव

आशीष और सोनिया मल्होत्रा सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट का काम करते हैं. इस व्यवसाय में राजेश दीक्षित भी उनके साथ काम कर रहा है. नागपुर के साथ गोंदिया और ओहियो यूएसए में उनके सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट कम्पनी के कार्यालय हैं. व्यवसाय के लिए 14 दिसंबर 2016 को एल्हौसी जर्मन इंटरनेशनल प्राइवेट लिमिटेड और आशीष, सोनिया एवं राजेश के बीच रजिस्ट्रर्ड लिव एंड लाइसेन्स एग्रीमेंट हुआ था. 31 अक्टूबर 2020 तक यह समझौता वैध था. इसमें आरोपी अजय उत्तरवार अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता होने के साथ वह अपने परिवार के साथ उक्त परिसर पर कब्जा करने की फिराक में था. एल्हौसी जर्मन इंटरनेशनल प्रा. लिमिटेड की लाइसेंस फीस समय पर जमा नहीं करने के कारण 25 सितंबर 2020 को उन्हें टर्मिनेशन नोटिस भेजा गया था.

संयुक्त निरीक्षण के लिए नोटिस 8 अक्टूबर 2020 को भेजा गया. संयुक्त निरीक्षण अनुरोध से इनकार करने पर दूसरी बार 14 अक्टूबर को नोटिस भेजा गया. अंत: 17 अक्टूबर 2020 को इविक्शन नोटिस भेजा गया. दरअसल अजय उत्तरवार इस फ्लैट को खरीदना चाहता था. इस बात की जानकारी आशीष को लगने के बाद उन्होंने 6 सितंबर 2020 को वाट्सएप संदेश में स्पष्ट रूप से लिखा कि वे अजय उत्तरवर को फ्लैट नहीं बेचना चाहते हैं. इसके लिए वे किसी भी समझौते पर हस्ताक्षर नहीं करेंगे, क्योंकि उन्हें व्यक्तिगत और चिकित्सा कारणों से फ्लैट की आवश्यकता है. वर्तमान तक आशीष या सोनिया ने न तो अजय से कोई पैसे लिये हैं और न ही फ्लैट बेचने का कोई समझौता किया है. जानकारी है कि सोनिया मल्होत्रा ​​ने अपने जीवनकाल में कभी अजय उत्तरवर से मुलाकात या बातचीत नहीं की.

खाते में पैसे डालकर फंसाने का प्रयास

फ्लैट बेचने से इनकार करने के बाद भी आरोपी ने आशीष और सोनिया के बैंक खातों में जबरदस्ती 10,000 रुपये जमा कर दिया. इस बात का पता चलने के बाद उन्होंने उसे पूरे पैसे लौटा दिये. इसके बाद 28 अगस्त को आरोपी ने 2 डिमांड ड्राफ्ट बनाकर वकील के माध्यम से फरियादी को नोटिस भेजकर परेशान करने लगा. एल्हौसी जर्मन ने सोनिया और आशीष के खातों में लाइसेंस शुल्क के रूप में 7,250 रुपये जमा किए. यह प्रक्रिया 35 दिनों की रजिस्टर्ड लीव एंड लाइसेंस समझौता की समाप्ति के बाद की गई. दोनों राशियों को लौटाने के बाद भी फर्जी मामले में फंसाने के लिए अजय ने निषेधाज्ञा दायर की, लेकिन इसे अदालत ने खारिज कर दिया. अजय ने अपना मकान किराये पर दे दिया है और आशीष और सोनिया के फ्लैट पर कब्जा करने के फिराक में है.