District Court

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नागपुर. पिछले 2 महीने से लॉकडाउन के चलते बंद जिला व तहसील न्यायालय में कामकाज 8 जून से प्रारंभ होगा. राज्य के मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता ने कुछ शर्तों के साथ न्यायालय शुरू करने का फैसला लिया है. हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल एस.बी. अग्रवाल ने इस संबंध में जीआर जारी कर दिया है. न्यायाधीश द्वारा लिए गए इस फैसले से राज्य के अनेक वकील और पक्षकारों को राहत मिलेगी. बार कॉउंसिल ऑफ महाराष्ट्र एंड गोवा के अध्यक्ष सुभाष घाटके और उनके सदस्यों ने मुख्य न्यायाधीश दीपांकर दत्ता से जिला व सत्र न्यायालय के शुरू करने की मांग की थी.

2 चरणों में चलेगा कामकाज
राज्य और जिले में बढ़ रहे कोविड संक्रमितों की संख्या को ध्यान में रखते हुए कामकाज को 2 चरणों में विभाजित किया गया है. पहले चरण में मुंबई महापालिका व उपनगर, पुणे, सोलापुर, औरंगाबाद, मालेगांव, धुले, जलगांव, अकोला, अमरावती व नागपुर की महापालिका क्षेत्र के जिला व सत्र न्यायालय का समावेश है. इन शहरों के न्यायालय सुबह 10 से दोपहर 1 और दोपहर 2.30 बजे से शाम 5.30 बजे तक कामकाज चलेगा.

इस दौरान न्यायालय में केवल 15 प्रतिशत कर्मचारियों को कामकाज के लिए बुलाया जाएगा. न्यायालय में लॉकडाउन के पहले आए सभी प्रकार की जमानत अर्जी और इसके पहले दी गई तारीखों पर सुनवाई की जाएगी. इसी के साथ जिन मामलों में गवाहदार की आवश्यकता नहीं है ऐसे मामलों के फैसले लिए जाएंगे और निश्चित मामलों पर सुनवाई की जाएगी. न्यायालय में वीडियो कांन्फ्रेंसिंग द्वारा कामकाज भी किया जाएगा. इसलिए सभी वकीलों से अपील है कि इस सुविधा का लाभ उठाएं.

…तो बंद होगा कोर्ट
इस निर्णय में ‘ब’ श्रेणी के राज्य के सभी जिला व तहसील न्यायालय को शामिल किया गया है. यहां भी 2 शिफ्ट में कामकाज किया जाएगा. किंतु यहां 50 फीसदी कर्मचारियों के कामकाज किये जाने पर छूट दी गई है. न्यायालय में पहले सप्ताह में 15 से अधिक मामलों पर सुनवाई की जाएगी. न्यायालय में वकील उपस्थित रहकर कामकाज कर सकते हैं. बावजूद इसके कोरोना संक्रमित एक भी मामला सामने आने पर न्यायालय बंद किया जाएगा. ऐसा जीआर में कहा गया है.