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    नागपुर. कोरोना संक्रमण के कारण पहले ही ऑटो चालकों के सामने खाने के लाले पड़े हुए हैं. ऐसे में लाइसेंस, परमिट और फिटनेस सर्टिफिकेट के नवीनीकरण में हुई देरी को लेकर परिवहन विभाग द्वारा विलंब शुल्क नहीं वसूला जाना चाहिए. विदर्भ ऑटोरिक्शा चालक फेडरेशन द्वारा अध्यक्ष विलास भालेकर के नेतृत्व में इस बाबत परिवहन आयुक्त को मुंबई में ज्ञापन सौंपा गया. 

    राज्य सरकार दे राहत

    भालेकर ने बताया कि परिवहन आयुक्त को सौंपे ज्ञापन के माध्यम से बताया गया कि कोरोना संक्रमण के कारण जनता को बार-बार लॉकडाउन की स्थिति से गुजरना पड़ रहा है. ऐेसे में सभी काम-धंधे ठप्प हो चुके हैं. सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो चुकी है. बाजारों के साथ स्कूल-कॉलेज, कोचिंग आदि बंद होने से ऑटो चालकों की रोजी-रोटी लगभग पूरी तरह से बंद हो गई है. बाजार तो खुल गये लेकिन स्कूल-कॉलेज अब भी बंद हैं और आगे भी इनके शुरू होने की कोई संभावना नजर नहीं आ रही.

    वहीं लॉकडाउन के कारण प्रादेशिक परिवहन कार्यालय भी बंद सरीखे ही रहे. ऐसी स्थिति पहले भी आ चुकी है. ऐसे में केन्द्र सरकार ने मार्च 2021 में ही विभिन्न प्रकार के परिवहन कागजात क नवीनीकरण की तारीख 30 जुलाई तक बढ़ा दी थी. साथ ही विलंब शुल्क भी माफ कर दिया था. इस समय कोरोना की दूसरी लहर का अंदाजा किसी को नहीं था लेकिन अप्रैल में ही दूसरी लहर के कारण एक बार फिर राज्य में लॉकडाउन लगा दिया गया. नागपुर शहर सबसे अधिक प्रभावित हुआ. ऐसे में अब राज्य सरकार को यह राहत देनी चाहिए. 

    सारथी ने भी किया परेशान

    भालेकर ने कहा कि राज्य परिवहन विभाग द्वारा अपनाये जा रहे पोर्टल सारथी ने ऑटो चालकों को काफी परेशान किया. केन्द्र सरकार द्वारा आदेश जारी होने के बावजूद भी सारथी में जानकारी अपडेट नहीं की गई. इससे कई दिनों तक परमिट आदि नवीनीकरण के लिए विलंब शुल्क वसूला जाता रहा. शिकायत करने के बावजूद भी कई दिनों तो पोर्टल को अपडेट नहीं किया गया और जब तक अपडेशन किया गया तब तक बड़ी संख्या में ऑटो चालक विलंब शुल्क भर चुके थे. यह शुल्क वापस तो मिलने वाला नहीं है लेकिन जो ऑटो चालक अभी बचे हुए हैं, कम से कम उन्हें राहत मिल जाये.