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नागपुर. राशन की दूकानों से सस्ते दाम में अनाज खरीदकर कालाबाजारी करने वाले व्यापारी के गोदाम पर क्राइम ब्रांच के यूनिट 3 ने छापा मारा. पुलिस ने व्यापारी, दलाल और वाहन चालकों समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. उनसे 40 टन राशन का अनाज जब्त किया गया. शहर में बड़े पैमाने पर राशनिंग अनाज का अवैध धंधा चल रहा. सरकार द्वारा गरीब जनता के लिए भेजा जाना वाला अनाज राशनिंग दूकानदारों की मिलीभगत से व्यापारी खरीदते है. बाद में इसे बाजार में ऊंचे दाम में बेचा जाता है.

पकड़े गए आरोपियों में चेतन अर्जुन मदान, दलाल श्रीकांत रजनीकांत कक्कड़, उमेश शाहू, मोहम्मद रियाज, अकरम खान, प्रदीप काजवे और विक्की जगदाले का समावेश है. पुलिस को जानकारी मिली थी कि मदान बड़े पैमाने पर राशन का अनाज खरीदकर गोंदिया और भंडारा में माल बेचता है. खबर के आधार पर पुलिस दस्ते ने लकड़गंज के ऑक्ट्राय फ्री जोन में स्थित चेतन के गोदाम में छापा मारा. पुलिस के छापे से परिसर में खलबली मच गई. जांच करने पर गोदाम में 40 टन राशन का चावल मिला. चेतन राइस मिल भी चलाता है और ज्यादातर माल गोंदिया भेजता है. 

वाहन चालक जमा करते है अनाज
श्रीकांत उसके लिए दलाली का काम करता है. अन्य वाहन चालक अलग-अलग राशन दूकानों से माल खरीदकर लाते है. राशन की दूकानों से माल 8 रुपये प्रति किलो पर खरीदा जाता है. इसके बाद चेतन राइस मिल में चावल को पॉलिश करता है. उंचे दाम के अनाज में ये चावल मिक्स करके बेचा जाता है. मोटा चावल साउथ इंडियन व्यंजन बनाने वालों को बेचा जाता है.

डीआईजी सुनील फुलारी और डीसीपी श्वेता खेड़कर के मार्गदर्शन में इंस्पेक्टर विनोद चौधरी, एपीआई योगेश चौधरी, पंकज धाड़गे, एएसआई रफीक खान, हेड कांस्टेबल ईश्वर खोरडे, रामचंद्र कारेमोरे, अनिल जैन, अनिल दुबे, प्रशांत लाड़े, दशरथ मिश्रा, श्याम अंगुथलेवार, श्याम कड़ू, प्रवीण बोरटे, संदीप मावलकर, टप्पूलाल चुटे, अनूप तायवाड़े, संतोष चौधरी, अनिल बोटरे और शेख फिरोज ने कार्रवाई को अंजाम दिया.

शहर में कई गैंग सक्रिय
शहर में कई गैंग सक्रिय है. कुछ गैंग अनाज व्यापारियों के जरिए माल सीधे आंध्रप्रदेश और तमिलनाड़ू में बेच देती है. शहर के विभिन्न इलाकों में अलग-अलग गैंग काम करती है. चेतन के लिए सबसे ज्यादा मनियार नामक व्यक्ति जमा करता है. मनियार के लिए यशोधरानगर के अत्तू, आशू, और सोनू काम करते है. इसके अलावा पांचपावली में विनोद, स्वामी और बनोदे भी बड़े पैमाने पर अनाज जमा करते है. तहसील का हमीद भी लंबे समय से इस धंधे में सक्रिय है. वाड़ी में भी राशन के अनाज की कालाबाजारी करने वाले व्यापारियों के गोदाम है, लेकिन कभी ये लोग पुलिस के हाथ नहीं लगे.