नागपुर. शहर के बहुचर्चित आर्किटेक्ट एकनाथ निमगड़े हत्या प्रकरण को लेकर सीबीआई भले ही गत कुछ वर्षों से जांच कर रही हो, लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पूरा मामला ही ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. देश की सर्वोच्च जांच एजेन्सी के ढुलमुल रवैये को लेकर बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस की ओर से सीबीआई कार्यालय के सामने प्रदर्शन किया गया. साथ ही मामले की जांच करने में सीबीआई विफल होने का हवाला देकर अब जांच के लिए उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन करने की मांग प्रदर्शनकारियों द्वारा किया गया. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि अधिवक्ता सतीश उके द्वारा इस मामले में पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का नाम लिए जाने से अब प्रकरण काफी गंभीर हो गया है. हाईप्रोफाइल मामले की जांच निष्पक्षता से होने के लिए समिति की आवश्यकता है.
CM और गृह मंत्री को भेजा पत्र
प्रदर्शन के उपरांत मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल को भेजे गए पत्र में उन्होंने कहा कि एअरपोर्ट के पास स्थित मौके की जमीन को लेकर वर्ष 2016 में हत्या हुई. सीबीआई को जांच सौंपी गई, किंतु 5 वर्षों तक सीबीआई किसी भी आरोपी तक नहीं पहुंच पाई. जबकि वकील उके द्वारा फडणवीस के निजी सहायक कुमार मसराम के सबूत उजागर किए गए. हवाई अड्डे के पास आर्किटेक्ट निमगड़े की 5.57 एकड़ जमीन है. जिसकी कीमत 300 करोड़ के करीब बताई जा रही है. कुमार इसी जमीन को खरीदने के लिए निमगड़े के पास गए थे. जिसे बेचने से निमगड़े ने इनकार कर दिया था. जिसके कुछ समय बाद ही उनकी हत्या कर दी गई. उस समय केंद्र और राज्य में भी भाजपा की सत्ता होने से निष्पक्ष जांच नहीं हो पाई है.
खानापूर्ति कर CBI ने बंद की फाइल
पत्र में कहा कि राजनीतिक दबाव के चलते सीबीआई ने जांच की खानापूर्ति कर प्रकरण की फाइल ही बंद कर दी. कोई आरोपी नहीं मिलने की जानकारी देकर अदालत में भी मामला बंद करा दिया गया. राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद नागपुर पुलिस द्वारा मामले की जांच शुरू की गई. जिसमें करीब 9 आरोपी गिरफ्तार किए गए हैं. इन्हें सीबीआई के हवाले किया गया है.
इन आरोपियों के माध्यम से सीबीआई ने जांच कहां तक की. इसका कोई खुलासा नहीं किया जा रहा है. जिससे निष्पक्ष जांच के लिए समिति का गठन करने की मांग प्रदर्शनकारियों ने की. प्रदर्शनकारियों में वेदप्रकाश आर्य, शैलेश पांडे, रवि पराते, अजय मेश्राम, सचिन मोहोड, आकाश गजबे, बंडू राठोड, नितिन ठवले, प्रशांत खंते, दिनकर वानखेडे, सुधीर पाटिल, मनीष फुलझेले, तरूष रामदासानी, दीपक मनकनी, दयाल चंदनानी, नंदकिशोर माटे, हिंमाशु पंचबुधे, निखिल चाफेकर, संकेत नागपुरकर, आदित्य केदार आदि शामिल थे.