Policeman hit couple with vehicle, case registered

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जनता और प्रशासन में मचा हड़कंप 

साक्री. आपातकाल कमांडर द्वारा नोडल अधिकारी के खिलाफ पुलिस में शिकायत दर्ज कराने से जनता तथा प्रशासन महकमे में हड़कंप मच गया है. नोडल अधिकारी डा.आर.वी.पाटिल ने कर्तव्यों के प्रति लापरवाही दिखाई. ऐसा आरोप लगाकर उनके खिलाफ आपातकाल कमांडर तथा तहसीलदार प्रवीण चव्हाणके द्वारा ये शिकायत दर्ज हुई. महामारी नियंत्रण के मोर्चे पर तहसील में कोई उत्साहजनक माहौल नहीं होने से ऐसी कार्रवाई का अंदेशा पहले से ही था. जिलाधिकारी संजय यादव ने अपने विशेष अधिकार के तहत कोरोना प्रकोप काल में परिस्थिति पर निगरानी व नियंत्रण हेतु तहसीलदार प्रवीण चव्हाणके की नियुक्ति ‘आपातकाल कमांडर’ के पद पर की  थी. वहीं जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के निर्देश पर परिषद के ही जिला संक्रमण रोकथाम तथा नियंत्रण अधिकारी डा. आर. वी. पाटिल की कोरोना महामारी नियंत्रण ‘नोडल अधिकारी’ पद पर नियुक्ति की गई थी.

सूचना के अभाव में असमंजस की स्थिति

तहसील की हालत पहले ही कोरोना प्रकोप, नियंत्रण, रोकथाम और सूचना के मामले में बहुत आशादायक नहीं रही. सूचना का अभाव, आम लोगों तथा व्यवसायिओं में असमंजस और अब तक हुई मौतों का स्त्रोत ढूंढने में नाकामी के चलते महामारी से निपटने का तरीका अब तक ढुलमुल ही रहा. बैठक से कई बार रहे नदारद बताया जा रहा है कि कोरोना प्रकोप से निपटने हेतु तहसीलदार द्वारा तहसील के संबंधित आला अफसरों की कई बैठकें आयोजित की गईं. नोडल अफसर डा.आर.वी. पाटिल इन नौ बैठकों में नदारद रहे.

बैठकों से रहे नदारद

ग्राम धमनार व साक्री शहर में कोरोना प्रकोप से मौतें हुई, जिसकी प्रतिक्रिया में तत्काल रोकथाम क्षेत्र की पहचान करना, महामारी पर नियंत्रण और रोकथाम हेतु योजना का प्रारूप तैयार करना, संक्रमित रोगी के संपर्क सूत्र ढूंढना, स्त्रोत का पता लगाना आदि जिम्मेदारियां नोडल अफसर के रूप में डा.आर.वी. पाटिल की थी, किंतु उन्होंने ये जिम्मेदारियां नहीं निभाई. जब भी विशेष रूप से बुलाया गया, तब ही डा.पाटिल हाजिर हुए, अपनी जिम्मेदारी के निर्वहन हेतु कोई कदम स्वतः नहीं उठाए. दैनिक उपस्थिति, जांच, निरीक्षण आदि कार्य नहीं किए ना ही कोई कृति योजना या रिपोर्ट तहसीलदार या कार्यालय को नहीं दी है. 

आरोपों की लगी झड़ी

उक्त तरीके से तहसीलदार चव्हाणके द्वारा आरोपों की झड़ी की शिकायत में लगाई गई हैं. अपने कर्तव्य में लापरवाही बरतने का काल 10 अप्रैल से 15 जून के दरमियान का दिया है. उक्त समय शहर में और ग्राम धमनार में संक्रमण का प्रकोप फैला हुआ था. डा. पाटिल संक्रमण रोकथाम व नियंत्रण अधिकारी के तौर पर जिला परिषद में कार्यरत थे.

साक्री शहर में कोविड-19 केंद्र की स्थापना के बाद डा.पाटिल की नोडल अधिकारी के पद पर नियुक्ति की गई थी, जहां हर रोज जाना और महामारी के संदर्भ में तहसील के स्वास्थ्य अधिकारी आशुतोष सालुंके से मिलकर निगरानी रखना और समस्याओं पर समाधान को ढूंढना है. लेकिन केंद्र पर डा. पाटिल नदारद रहते थे. कर्तव्य की अनदेखी, वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवज्ञा करना, इस आशय की शिकायत तहसीलदार चव्हाणके ने दर्ज कराई है.