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नाशिक. जिले के सभी विद्यालय 23 नवंबर से शुरू करने के लिए शिक्षण विभाग ने तैयारी कर ली थी. लेकिन इसमें ठोस नियोजन की कमी के कारण जिले के करीब 9500 शिक्षकों की फिर एक बार कोरोना की जांच करने की लापरवाही शिक्षण विभाग पर डालने की संभावना दिखाई दे रही है.

विद्यालय शुरू करने के लिए की गई तैयारियों में स्वास्थ्य विभाग की मदद से शिक्षण विभाग की ओर से नाशिक जिला परिषद और मनपा क्षेत्र के कुल 9578 शिक्षकों की कोरोना की जांच के लिए नमूने जमा किए गए थे. इनमें रविवार की शाम तक मनपा क्षेत्र के 9 और जिला परिषद के 37 इस प्रकार करीब 43 शिक्षकों को कोरोना बाधित पाया गया था. वहीं करीब 3552 रिपोर्ट लंबित थीं. लेकिन सोमवार को जिला अधिकारी कार्यालय में एक नियोजन बैठक में 4 जनवरी तक जिले के स्कूलों को बंद रखने का निर्णय लिए जाने के बाद लंबित रिपोर्टों की ओर ध्यान नहीं दिया गया. ऐसे में शिक्षण विभाग भी कुछ करने में सक्षम नहीं दिखाई दे रहा है. 

शिक्षा विभाग की लापरवाही

विद्यालय शुरू करने के संदर्भ में राज्य शासन ने दिवाली से पहले ही सूचना दी थी, लेकिन शिक्षण विभाग ने इस संबंध में किसी प्रकार का ठोस नियोजन नहीं किया था. स्कूल शुरू करने के दिन करीब आने पर शिक्षकों को अपनी जांच करने की सूचना दी गई. इस कारण कोरोना जांच केंद्रों पर अचानक शिक्षकों की भीड़ लग गई. परिणामस्वरूप केवल 2873 शिक्षकों की आरटीपीसीआर जांच हो सकी. तो 5396 शिक्षकों को एंटीजन टेस्ट करना पड़ा था. नाशिक जिला परिषद क्षेत्र के 8289 और मनपा क्षेत्र के 1309 इस प्रकार कुल 9578 शिक्षकों की जांच की गई थी. लेकिन स्कूल शुरू नहीं हो सके. जिससे शिक्षकों की जांच का खर्च और यंत्रणा का समय बरबाद हो गया. 

दिसंबर में लिया जाएगा स्थिति का जायजा 

अब दिसंबर आखिर में स्थिति का जायजा लेकर स्कूल शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा. इससे पहले फिर एक बार शिक्षकों की कोरोना जांच की जाएगी, जिसकी जिम्मेदारी शिक्षण विभाग की होगी. इसलिए हो सकता है इस बार विद्यालय शुरू करने के लिए प्रशासन ठोस निर्णय लेगा.