मालेगांव. ओबीसी आरक्षण को बचाने के लिए राज्य सरकार को उच्च और उच्चतम न्यायालयों में वकीलों की नियुक्ति करनी चाहिए, ओबीसी कोटे को प्रभावित किए बिना मराठा समुदाय को आरक्षण दिया जाना चाहिए. मालेगांव शहर महात्मा फुले समता परिषद के नेतृत्व में मालेगांव शहर और तहसील ओबीसी संघर्ष समिति ने अपनी मांगें मनवाने के लिए एक मार्च का आयोजन किया था. लेकिन कोरोना महामारी और सरकार द्वारा लगाए गए नियमों के कारण मोर्चा को रद्द कर दिया गया और मालेगांव में अपर जिला अधिकारी के कार्यालय के सामने आंदोलन किया गया. आंदोलन कर्मियों ने अपना विरोध प्रदर्शन किया.
उप-तहसीलदार को ज्ञापन सौंपा
प्रदर्शनकारियों की ओर से अधिवक्ता अनीता पवार, विद्या भावसार, तृप्ति सोनवणे, सुवर्णा गावंडे, भाग्यश्री बेंदले, सीमा चव्हाण, संजीवनी कपडानियां और समता परिषद के महानगर प्रमुख नरेंद्र सोनवणे और गुलाब पगारे ने उप-तहसीलदार को ज्ञापन दिया.
कई पदाधिकारी शामिल
आंदोलन में बागवान, फूलवाले, बढ़ई, दर्जी, भावसार, रंगारी, क्षत्रिय, तंबोली, हिंदू-पेंडारी और ओबीसी समुदाय के अन्य पदाधिकारी शामिल थे. इस मौके पर रमेश उचेत, विनोद शेलार, बालासाहेब बागुल, यशपाल बागुल, देवा माली, सुरेश गवली, रामदास बोरसे, चेतन महाजन, भगवान बागुल, विशाल सोनवणे, एड. रमेश मोरे और विवेक वारुले, मनोज भालेरा आदि उपस्थित थे.