सिडको. राज्य सूचना आयोग (State Information Commission) की नाशिक बेंच (Nashik Bench) ने शिरपुर (धूलिया) तहसील में दहीवड़ ग्राम पंचायत (Dahiwad Gram Panchayat) के तत्कालीन ग्राम सेवक पर 20,000 रुपये का जुर्माना लगाया है। इस महीने तहसील में दंडित होने वाला यह दूसरा ग्राम सेवक है। इस संबंध में विस्तृत खबर यह है कि शिरपुर तहसील के एक सक्रिय आरटीआई कार्यकर्ता (RTI Activist) महेंद्र प्रेमसिंह जाधव (Mahendra Premsingh Jadhav) ने वर्ष 2017 में दहीवड़ ग्राम पंचायत से आरटीआई के तहत जानकारी की मांग की थी, लेकिन आवेदन पर कोई कार्रवाई किए बिना तत्कालीन ग्रामसेवक ए.बी. पवार ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया था।
इस संबंध में ग्राम पंचायत ने ग्राम पंचायत के उपकर की वसूली की अक्षम्य उपेक्षा कर अपने कर्तव्य का उल्लंघन किया है। इस संबंध में आरटीआई से मांगी गई जानकारी को रोक लिया गया और संबंधित आवेदन की प्रथम और द्वितीय अपील की सुनवाई में पारित आदेशों को भी नजरअंदाज कर दिया गया। राज्य सूचना आयोग के आदेश के बाद भी सूचना उपलब्ध नहीं करायी गयी थी, इसलिए आयोग ने 2021 में सूचना उपलब्ध कराने का अंतिम आदेश जारी किया था। इसके बाद ग्राम सेवक ने आयोग को एक ज्ञापन दिया था कि उसने आवेदक को कुछ जानकारी प्रदान की है।
लेकिन सूचना अधिनियम 2005 की धारा 7 (1) का उल्लंघन किया गया है और आपने समय पर जानकारी प्रदान नहीं की और सूचना प्रदान करने में लगभग 37 महीने लग गए और इसलिए अपीलकर्ता को जानकारी से वंचित होना पड़ा। राज्य सूचना आयोग की खंडपीठ ने ग्राम सेवक को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करने में विफल रहने के लिए 20,000 रुपये की दंडात्मक कार्रवाई करने का आदेश दिया है।