Nashik Municipal Corporation
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    नाशिक. नाशिक महानगरपालिका (Nashik Municipal Corporation) के आम चुनाव (Elections) कुछ ही माह में होने वाले है। ऐसे में सत्ताधारी भाजपा (BJP) सहित विपक्ष पार्टी (Opposition Party) के नगरसेवकों (Corporators) द्वारा विकास कार्य के लिए निधी न मिलने की शिकायतें की जा रही है, तो दूसरी ओर महानगरपालिका ने नगरसेवकों के लिए बचाकर रखा 12 करोड़ का नगरसेवक निधी और 38 करोड़ का प्रभाग निधी दस्तावेज में ही है।

    आर्थिक वर्ष शुरू होकर 6 माह बितने के बाद भी 127 में से 4 नगरसेवकों ने नगरसेवक निधी खर्च के लिए लेखा विभाग के पास प्रस्ताव दिया है। जो अपने आप में एक बड़ी बात है।विशेष यह है कि हर एक नगरसेवक को प्रभाग के लिए 40 लाख रुपए का निधी मंजूर किया गया है। परंतु निधी खर्च को लेकर नगरसेवकों में उत्साह नहीं है।महानगरपालिका का आम चुनाव फरवरी 2022 में हो रहा है। विकास कार्य को दिखाने के लिए नगरसेवक जल्दबाजी कर रहे है। आखरी साल में नगरसेवकों को विकास कार्य के लिए निधी मिले इसलिए महापौर सतीश कुलकर्णी ने 100 करोड़ रुपए कर्ज के माध्यम से उपलब्ध करने की मांग महानगरपालिका प्रशासन से की है।

    12 करोड़ रुपए आरक्षित

    नगरसेवकों के विकास कार्य के लिए स्मार्ट सिटी के पास होने वाले महानगरपालिका के 100 करोड़ रुपए का निधी को भी वापस मांगा गया था। निधी को लेकर महापौर कुलकर्णी ने कमिश्नर कैलास जाधव से विवाद भी किया था। एक ओर महापौर नगरसेवकों के विकास कार्य के लिए महानगरपालिका प्रशासन से विवाद कर रहे है तो दूसरी ओर नगरसेवकों को कुल बजट के दो प्रतिशत निधी को लेकर नगरसेवक ही उदासीन है। बजट के दो प्रतिशत नगरसेवक निधी के लिए चालू आर्थिक वर्ष में 12 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए है। जिसके तहत हर एक नगरसेवक को 9 लाख 44 हजार रुपए का निधी खर्च के लिए मिला है। इस निधी के लिए नगरसेवकों ने लेखा विभाग के पास प्रस्ताव दाखिल करना अपेक्षित है। 

     11 करोड़ का निधी खर्च हुआ

    परंतु आर्थिक वर्ष शुरू होकर 6 माह होने के बाद भी केवल 4 नगरसेवकों ने दो प्रतिशत नगरसेवक निधी के लिए प्रस्ताव दाखिल किया है। दूसरी ओर 127 में से 123 नगरसेवकों ने आज तक प्रस्ताव दाखिल नहीं किया है। पिछले साल नगरसेवक निधी के लिए आरक्षित 12 करोड़ में से 11 करोड़ का निधी खर्च हुआ था। इस साल 12 करोड़ में से 38 लाख रुपए के प्रस्ताव लेखा विभाग के पास दाखिल हुए है। इसलिए एक ओर निधी न होने की बात की जा रही है तो दूसरी ओर आरक्षित निधी नगरसेवक खर्च नहीं कर रहे है।

    करोड़ों के कार्य में ही नगरसेवकों की  दिलचस्पी

    अधिकार के नगरसेवक निधी के साथ चालू आर्थिक वर्ष के लिए प्रभाग निधी के नाम पर हर एक नगरसेवक को 40 लाख रुपए का अतिरिक्त प्रभाग विकास निधी दिया गया है। इसके लिए 38 लाख 10 हजर रुपए का प्रावधान किया गया है। महापौर ने महासभा में 2021-22 आर्थिक वर्ष का बजट प्रशासन को सौंपकर देढ़ माह बीत चुका है। परंतु 40 लाख रुपए के प्रभाग विकास निधी के लिए एक भी प्रस्ताव दाखिल नहीं हुआ है। इसलिए पदाधिकारियों के साथ नगरसेवक भी करोड़ों रुपए के विकास कार्य में ही दिलचस्पी दिखा रहे है, जो अब स्पष्ट हो गया है।

    नगरसेवकों की लापरवाही से प्रशासन को मिला लाभ

    कोरोना के चलते लगातार दूसरे साल महानगरपालिका की वसूली पर गहरा असर हुआ है। संपत्ति, पानी, नगर रचना विभाग की आय कम होने से तिजोरी में 400 करोड़ रुपए कम जमा हुए है। इस निधी से ही नगरसेवकों के लिए 50 करोड़ रुपए आरक्षित किए गए है। लेकिन अब विकास कार्य के लिए 4 माह शेष होने से फाइल और निधी कब मंजूर होगा?, टेंडर कब निकलेगा? यह सवाल खड़े हो गए है। इसलिए नगरसेवकों की उदासीनता प्रशासन के लिए लाभदायक होगी। क्योंकि अधिकांश निधी शेष रहने वाला है।