Nashik Zilla Parishad
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    नाशिक. नाशिक जिला परिषद (Nashik Zilla Parishad) के सेवकों के तबादलों (Transfers) के बाद जिले के आदिवासी (Tribal) और बगैर आदिवासी (Non-Tribal) क्षेत्र में संतुलन न होने का कारण देते हुए प्रशासन ने तबादलों की प्रक्रिया को ब्रेक लगाया। वैसे भी पदाधिकारियों को सेवकों के तबादले करने ही नहीं थे। परंतु तबादलों की प्रक्रिया रोकने से पात्र सेवकों में नाराजगी का माहौल है। नाशिक जिला परिषद के तबादलों को लेकर चार दिनों से हंगामा शुरू था, जो इस निर्णय के बाद थम गया है।

    गौरतलब है कि ग्राम विकास विभाग ने सेवक तबादलों की प्रक्रिया के बारे में 10 प्रतिशत प्रशासकीय और 10 प्रतिशत विनंती तबादलों की प्रक्रिया कार्यान्वित करने के आदेश दिए। 31 जुलाई 2021 तक प्रशासकीय तबादले और 14 अगसत तक विनंती तबादले करने के निर्देश दिए थे। अत्यावश्यक सेवा के आरोग्य विभाग और ग्रामविकास विभाग में केवल 5 प्रतिशत सेवकों को तबादले करने के आदेश दिए थे। तबादलों की प्रक्रिया कार्यान्वित करने के लिए प्रशासन ने सेवकों की अंतिम सूची तैयार की। साथ ही 27 से 29 जुलाई के बीच यह प्रक्रिया कार्यान्वित करने के लिए समय सूची तैयार की।

    परंतु यह प्रक्रिया ऑफलाईन या ऑनलाईन को लेकर नीति निश्चित नहीं हो पाई। ऐसे में तबादला प्रक्रिया में आदिवासी क्षेत्र की रिक्त जगह भरी जाएगी। इसलिए बगैर आदिवासी क्षेत्र की रिक्त जगह की संख्या बढ़ने का मुद्दा सामने आया। बगैर आदिवासी क्षेत्र में आधे से अधिक जगह रिक्त है। यह तबादले हुए तो रिक्त जगह की संख्या बढ़ने से कामकाज पर परिणाम होने की संभावना के चलते तबादले न करने की भूमिका विभाग प्रमुख सहित पदाधिकारियों ने ली।

    ग्रामविकास विभाग को भेजा पत्र

    तबादलों के बारे में मुख्य कार्यकारी अधिकारी ने विभाग निहाय आदिवासी, बगैर आदिवासी रिक्त जगह को लेकर रिपोर्ट मंगवाई। इसके तहत 1681 पद रिक्त और तबादलों की प्रक्रिया के बाद आदिवासी और बगैर आदिवासी क्षेत्र में असमतोल होकर रिक्त पद की संख्या बढ़ेगी। ऐसा पत्र ग्राम विकास विभाग को दिया। रिक्त पद की तुलना में समतोल रखते हुए तबादलों की प्रक्रिया कार्यान्वित करने के लिए अनुमती देने की अपील की। परंतु संतुलन न होने से तबादलों की प्रक्रिया को ब्रेक लग गया है। इसके बाद पदाधिकारियों के साथ विभाग प्रमुखों के चेहरे खिल गए तो तबादलों के लिए पात्र सेवकों में नाराजगी दिखाई दी।