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  • कोरोना प्रकोप के निर्देशों का करना होगा पालन
  • सोशल डिस्टेंसिंग का रखना होगा ख्याल

साक्री. स्वतंत्रता दिवस पर दिखाई देनेवाला उल्लास इस वर्ष शनिवार को मनाए जानेवाले कार्यक्रमों में नहीं दिखेगा. कोरोना प्रकोप के चलते अभी भी स्कूलें और शिक्षा संस्थान शुरू नहीं हो पाए हैं. निकट भविष्य में भी प्रकोप में वृद्धि के कारण संभावनाएं भी कम ही हैं. ऐसे में बच्चों के अभाव में इस वर्ष का ये राष्ट्रीय त्यौहार बिल्कुल ही फीका होगा. 

केवल सीमित लोगों की उपस्थिति में और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए स्वतंत्रता दिन मनाने के निर्देश शिक्षा विभाग के प्रमुख शिक्षाधिकारी मनीष पवार द्वारा जिले में स्थित सभी प्राइमरी एवं सेकंडरी स्कूलों के हेडमास्टरों को दिए गए हैं.

विद्यालयों में बच्चों को न बुलाने का निर्देश

शिक्षाधिकारी पवार द्वारा जारी इस निर्देश पत्र के अनुसार, शिक्षा संस्थान  स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम के लिए आयोजित ध्वजारोहण कार्यक्रम में किसी भी सूरत में बच्चों को नहीं बुलाए. स्कूल के हेडमास्टर, शिक्षक और स्कूल व्यस्थापन समिति के अध्यक्ष के उपस्थिति  में ही समारोह किया जाए, सुबह 8 बजकर 35 मिनट के पहले ही समारोह किया जाए. कोरोना के चलते समारोह में शामिल सभी लोगों ने मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना अनिवार्य है. कार्यक्रम में भीड़ इकट्ठा नहीं होगी.

प्रतिष्ठित लोगों को बुलाने की छूट

कार्यक्रम में स्थानीय जिला परिषद और पंचायत समिति सदस्यों और प्रतिष्ठित लोगों को आमंत्रित किया जा सकता है. इससे पहले हफ़्तों पहले स्वतंत्रता दिवस समारोह की तैयारियां की जाती थीं. तहसील के बड़े स्कूल अपने विशेष थीम के साथ आकर्षक सजावट, झांकी को प्रस्तुत करते थे. समारोह में झांकियां, समूह नृत्य, देशभक्ति के गाने, परेडों का संचलन, राष्ट्र ध्वज को सलामी आदि रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता रहा है.  

औपचारिका निभाने जैसा आयोजन

इसी मौके पर अभिभावक और शिक्षकों के संघ की बैठक का भी आयोजन होता है. इस वर्ष उक्त सभी कार्यक्रमों को रद्द कर दिया गया है. बच्चे समारोह में शामिल नहीं होने से समारोह की रंगत खत्म हो गई है. सीमित नागरिक, शिक्षक, और व्यवस्थापन की अधिकारी मंडली की उपस्थिति में ये कार्यक्रम होने जा रहा है. उस वर्ष के स्वतंत्रता दिवस का आयोजन विगत वर्ष की यादों के साथ औपचारिकता को निभाने जैसा होगा.