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    नाशिक. गुड़ी पाड़वा (Gudi Padwa) सर्राफा व्यापारियों के लिए महत्वपूर्ण त्यौहार होता है क्योंकि इस मुहूर्त पर ग्राहक बड़े तौर पर सोने (Gold) की खरीदारी करते हैं। अधिकतर ग्राहक कुछ दिन पहले ही सोने की बुकिंग (Booking) कर गुड़ी पाड़वा को उसे लेकर जाते हैं। साथ ही शादी समारोह का आयोजन शुरू होने से उसकी भी बुकिंग की गई है। परंतु कोरोना महामारी की पार्श्वभूमि पर लगे प्रतिबंधों (Restrictions) से सर्राफा बाजार पूरी तरह से बंद हो गया है। अब बुकिंग के गहने ग्राहकों को समय पर कैसे दें? इस चिंता में सर्राफा व्यवसायी डूब गए हैं।  उन्हें राहत देने के लिए गुड़ी पाड़वा के पहले दो-तीन दिन तक दुकान खोलने की मांग को लेकर जिलाधिकारी सूरज मांढरे को ज्ञापन सौंपा गया। 

    इस बारे में अधिक जानकारी देते हुए नाशिक सर्राफा एसोसिएशन के अध्यक्ष गिरीश नवसे ने कहा कि सरकार को कोरोना प्रतिबंध घोषित करने से पहले दो-तीन दिन पूर्व तैयारी के लिए समय देना चाहिए था। 31 मार्च को रंगपंचमी और शनिवार, रविवार को मिनी लॉकडाउन के चलते तीन दिन दुकान बंद थी। ऐसे में सोमवार को सीधे प्रतिबंध लगा देने से सर्राफा बाजार को पूर्व तैयारी के लिए समय नहीं मिला। जीएसटी रिटर्न भरने का काम बाकी है। दुकान में होने वाले गहनों को लॉकर में रखने के लिए समय नहीं मिला। गुड़ी पाड़वा त्यौहार का लाभ न मिलने से सर्राफा व्यवसायी चिंतित हैं। 

    जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा 

    ऐसे में आगामी 25 दिन कारीगर, दुकान के कामगारों का वेतन, कर्ज की किश्त, बिजली बिल अदा करने होंगे। शहर में लगभग 450 सर्राफा दुकानें हैं। गहने बनाने वाले 7 हजार कारीगर हैं, जो पश्चिम बंगाल के हैं। प्रतिबंध के चलते इन कारीगरों का खर्च भी सर्राफा व्यवसायी को करना होगा। साथ ही दुकान में काम करने वाले कामगारों को भी वेतन देना होगा। इसलिए गुड़ी पाड़वा के निमित्त दो-तीन दिन दुकान खोलने की मांग को लेकर जिलाधिकारी को ज्ञापन सौंपा गया है। अब वह क्या निर्णय लेते हैं, इस ओर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।