रिश्तों में नया रुझान शासकीय विमान से गवर्नर की गोवा उड़ान

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, (Nishanebaaz) रिश्ते बनाने से बनते हैं. टूटे हुई रिश्तों की डोर फिर जोड़ लेने में ही समझदारी है.’’ हमने कहा, ‘‘रिश्ता हमेशा अखंड रहना चाहिए. टूटे रिश्तों का धागा जोड़ोगे तो गांठ पड़ जाएगी. कवि रहीम ने कहा था- रहिमन धागा प्रेम का, मत तोड़ो चटकाय, जोड़े से फिर ना जुरे, जुरे गांठ पड़ जाए!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें रहीम की होशियारी से मतलब नहीं है, हम तो महाराष्ट्र के राज्यपाल कोश्यारी की बात कर रहे हैं. आपको याद होगा कि राज्यपाल कुछ माह पहले अपने गृहराज्य उत्तराखंड जाना चाहते थे, तब उद्धव ठाकरे सरकार ने उन्हें सरकारी विमान के इस्तेमाल की अनुमति नहीं दी थी. राज्यपाल काफी देर विमान में बैठे रहे लेकिन पायलट नहीं आया. फिर वे एक प्राइवेट एयरलाइंस के प्लेन से जाने के लिए मजबूर हुए थे.

    उस समय उनके दिल को कितनी ठेस पहुंची होगी! अब लगता है संबंधों में कुछ अपनापन आ रहा है. राज्यपाल कोश्यारी हाल ही में (Bhagat Singh Koshyari) सरकारी विमान से गोवा गए थे. इस हवाई यात्रा के लिए ठाकरे सरकार ने उन्हें सरकारी वायुयान के उपयोग की अनुमति दी थी. इसके पहले राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को गुढ़ीपाड़वा की पूर्वसंध्या पर बधाई दी थी.’’ हमने कहा, ‘‘रिश्ते ऐसे ही कदमों से सुधरते हैं. राज्यपाल और मुख्यमंत्री का आपस में निभाव होना राज्य के हित में है. उनके बीच ईगो या अहं का टकराव नहीं होना चाहिए. प्रकृति का नियम है कि जो वृक्ष अकड़कर खड़े रहते हैं, वे आंधी-तूफान में उखड़ जाते हैं जबकि विनम्रता से झुकी घास का कुछ भी नहीं बिगड़ता.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यदि राज्यपाल कोश्यारी विधान परिषद के 12 सदस्यों के नामांकन को मंजूरी दे दें तो उद्धव सरकार (Uddhav Thackeray) से उनके संबंध और सुधर जाएंगे लेकिन केंद्र के प्रति राज्यपाल की निष्ठा उन्हें ऐसा करने नहीं देगी.’’