तराशे पत्थरों से होगा उद्धार, सजेगा राम दरबार करोड़ों को इंतजार

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, इंतजार की घड़ियां समाप्त होने जा रही हैं. 5 अगस्त को प्रधानमंत्री मोदी अयोध्या जाकर राम मंदिर की नींव रखेंगे. वे रामलला को 40 किलो चांदी भी चढ़ाएंगे जो आज के 61,000 रुपए किलो के भाव से 24,40,000 रुपए की होगी.’’ हमने कहा, ‘‘आस्था अनमोल होती है. उसमें भाव-ताव नहीं, भक्तिभाव होना जरूरी है. मोदी ‘तेरा तुझको अर्पण, क्या लागे मेरा’ की भावना से प्रभु राम के चरणों में चांदी अर्पित करेंगे. रामलला का मंदिर दिव्य और भव्य बनने वाला है. यह 161 फीट ऊंचा होगा और इसमें अब 3 की बजाय 6 शिखर रहेंगे. मंदिर बनाने के लिए 10 करोड़ लोग दान देंगे और धन की कोई कमी नहीं पड़ेगी. अब तो विदेश में रहने वाले भारतीय भी इसमें योगदान देना चाहते हैं. यह मंदिर मार्बल ब्रिक्स से बनेगा.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, जिस प्रकार सरदार पटेल के प्रयासों से गुजरात में सोमनाथ मंदिर का भव्य निर्माण हुआ था, वैसा ही मोदी सरकार के रहते अयोध्या में रामलला का मंदिर बनेगा. इसकी नींव का निर्माण मिट्टी की क्षमता के आधार पर 60 मीटर गहराई से किया जाएगा.’’ हमने कहा, ‘‘मंदिर की नींव के साथ भक्तों की आस्था की नींव भी बहुत गहरी है. रामलला के जन्मस्थान पर उनका भव्य मंदिर बन जाने से करोड़ों देशवासियों की चिरसंचित अभिलाषा की पूर्ति होगी.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें राम जन्मभूमि आंदोलन की याद आ रही है. तब नारे लगे थे- ‘बच्चा-बच्चा राम का, जन्म भूमि के काम का’, ‘कोठारी बंधुओं का बलिदान, नहीं भूलेगा हिंदुस्तान’, ‘रामलला हम आएंगे, मंदिर वहीं बनाएंगे.’’ हमने कहा,‘‘वह आकांक्षा पूरी होने जा रही है. पवित्र श्रावण मास में मंदिर का शिलान्यास होने जा रहा है और कुछ वर्षों में ऐसा मंदिर बनेगा कि दुनिया देखती रह जाएगी. कहते हैं इसमें पत्थर से पत्थर जोड़े जाएंगे और लोहे का उपयोग नहीं होगा. देश-विदेश में स्वामीनारायण मंदिर भी इसी तरह बने हैं.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, हमें आश्चर्य है कि 88 वर्षीय मुरली मनोहर जोशी कहते हैं कि बाबरी ढांचा विध्वंस के समय वे अयोध्या में नहीं थे जबकि उस समय के अखबारों में फोटो छपे थे कि ढांचा ढहने की खुशी में वहां मौजूद उमा भारती ने जोशी का आलिंगन कर लिया था.’’ हमने कहा, ‘‘मुरली मनोहर का स्थान गोकुल, मथुरा, वृंदावन और द्वारका है जबकि अयोध्या तो राम की नगरी है, इसलिए डा. जोशी के बयान पर भरोसा कर लीजिए. शायद 92 वर्ष के आडवाणी भी ऐसा ही बयान देंगे कि मैं वहां मौजूद नहीं था. इसके विपरीत शिवसेना संस्थापक स्व. बाल ठाकरे ने उस समय कहा था कि यदि मेरा कोई शिवसैनिक ढांचा गिराने में शामिल रहा होगा तो मुझे उस पर गर्व है.’’