Blast in Plastic factory
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मालदा/कोलकाता, (प.बंगाल). पश्चिम बंगाल के मालदा जिले में बृहस्पतिवार को एक प्लास्टिक फैक्ट्री में हुए विस्फोट में छह व्यक्तियों की मौत हो गयी। राज्य में विपक्षी भाजपा ने घटना की जहां एनआईए जांच की मांग की, वहीं सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस ने उससे मुद्दे का राजनीतिकरण नहीं करने को कहा है। मालदा के सुजापुर क्षेत्र में विस्फोट को लेकर राजभवन और प्रदेश सरकार के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया।

राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से कहा कि “अवैध बम बनाने” पर रोक लगायें। राज्य के गृह विभाग ने तीखी प्रतिक्रिया जतायी जिसका प्रभार खुद बनर्जी संभालती हैं। विभाग ने कहा “विस्फोट का अवैध बम बनाने से कोई लेना-देना नहीं है, जैसा कि कुछ वर्गों की ओर से गैर-जिम्मेदार तरीके से कहा गया है।”

पुलिस ने बताया कि मालदा जिले के सुजापुर इलाके में एक प्लास्टिक फैक्ट्री में विस्फोट आज पूर्वाह्न 11:30 बजे के आसपास हुआ। उन्होंने बताया, “फैक्ट्री में काम करने वाले चार श्रमिकों की मौके पर ही मौत हो गयी जबकि एक अन्य को अस्पताल में मृत घोषित किया गया। इस विस्फोट में पांच अन्य गंभीर रूप से घायल हुए हैं।”

एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि गंभीर रूप से घायल एक व्यक्ति को जब कोलकाता के एक अस्पताल में भर्ती कराया जा रहा था तभी उसकी मौत हो गई। मालदा के पुलिस अधीक्षक आलोक राजोरिया ने कहा कि प्रारंभिक जांच से पता चला है कि कारखाने के अंदर एक भारी मशीन में तकनीकी खराबी के कारण उच्च तीव्रता का विस्फोट हुआ।

उन्होंने कहा, “विस्फोट प्लास्टिक निर्माण के दौरान हुआ। हम सभी कोणों से जांच कर रहे हैं और एक फोरेंसिक टीम घटनास्थल का दौरा करेगी।”

अधिकारी ने कहा कि स्थिति को नियंत्रण में रखने के लिए मौके पर भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। हालात का जायजा लेने के लिए राज्य के मंत्री फिरहाद हकीम को मौके पर भेजा गया है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों के लिए 2-2 लाख रुपये की अनुग्रह राशि और घायलों के लिए 50-50 हजार रुपये की घोषणा है।

राज्य के राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने इस घटना पर दुख जताया और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को “अवैध बम बनाने” पर रोक लगाने और “पेशेवर एवं बिना पक्षपात के जांच” सुनिश्चित करने के लिए कहा।

उन्होंने ट्वीट किया, “मालदा जिले के सुजापुर इलाके में विस्फोट में हुई मौतों से व्यथित हूं। एसपी के मुताबिक पांच लोगों की मौत हुई है और पांच अन्य घायल हुए हैं। यह समय है कि ममता बनर्जी अवैध रूप से बम निर्माण पर रोक लगायें और पेशेवर एवं बिना पक्षपात के जांच सुनिश्चित करें।”

धनखड़ ने प्रशासन से घायलों को चिकित्सा सहायता सुनिश्चित करने के लिए भी कहा। उनकी टिप्पणी पर गृह विभाग की ओर से एक तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए ट्वीट किया गया, “मालदा सुजापुर प्लास्टिक कारखाने की आज की घटना उत्पादन प्रक्रिया मुद्दों से संबंधित है और इसका गैरकानूनी बम बनाने से कोई लेना-देना नहीं है, जैसा कि कुछ वर्गों द्वारा गैर-जिम्मेदारी से कहा गया है।” इसमें कहा गया, “मौके पर मौजूद डीएम और एसपी तत्काल जांच के बाद राज्य के अधिकारियों को सूचित कर रहे हैं और मुआवजे के लिए कदम उठाए गए हैं। एक वरिष्ठ मंत्री को मौके पर भेजा गया है और यह तथ्यात्मक रूप से सही होने का समय है। सरकार पीड़ितों और उनके परिवार की मदद कर रही है।”

धनखड़ ने पलटवार करते हुए कहा, “कानून और व्यवस्था तथा जांच स्थिति” चिंताजनक है और इसे “बिना पक्षपात के संभाले जाने की जरूरत है।”

उन्होंने ट्वीट करके कहा कि पश्चिम बंगाल पुलिस पेशेवर तरीके से जांच क्यों न करे। उन्होंने कहा कि ममता बनर्जी ऐसे बम धमाकों में मरने वालों की संख्या का खुलासा क्यों नहीं करतीं। इस घटना को लेकर भाजपा और तृणमूल कांग्रेस के बीच वाकयुद्ध शुरू हो गया। भाजपा ने घटना की एनआईए जांच की मांग की। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव एवं बंगाल प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय ने कहा, ‘‘पश्चिम बंगाल में बम विस्फोट एक नियमित घटना बन गयी है। हर दूसरे दिन, राज्य में बम विस्फोट की कोई घटना होती है। हम मालदा विस्फोट की घटना की एनआईए जांच की मांग करते हैं।”

उन्होंने कहा, ‘‘हम केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखकर एक एनआईए जांच के लिए अनुरोध करेंगे ताकि सच्चाई सामने आ सके क्योंकि राज्य पुलिस इस मामले को दबाने की कोशिश करेगी।” आरोप का खंडन करते हुए हकीम ने कहा, ‘‘हम केंद्रीय एजेंसियों का सम्मान करते हैं लेकिन भाजपा को अपने निहित राजनीतिक हितों के लिए उनका उपयोग करना बंद करना चाहिए। भाजपा को शवों पर राजनीति करना बंद करना चाहिए।” उन्होंने कहा कि राज्य पुलिस घटना की जांच कर रही है।