राजस्थान के बाद पंजाब कांग्रेस में दो फाड़, मुख्यमंत्री अमरिंदर और सांसद बजवा आमने सामने

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चंडीगढ़: राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच शुरू हुआ युद्ध अभी थमा नहीं, वहीं अब एक और कांग्रेस शासित राज्य में पार्टी में दो फाड़ शुरू हो गई है. दरअसल पंजाब में जहरीली शराब से हुई मौतों को लेकर मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर कांग्रेस के ही राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा लगातार हमलावर है. सांसद ने इन मौतों को सीधे-सीधे जिम्मेदार मुख्यमंत्री को बताया है.  

पिछले दिनों बाजवा ने अमरिंदर सिंह पर हमला बोलते हुए कहा, “कसम खाकर भूल जाने के परिणाम को भुगतने के लिए कैप्‍टन अमरिंदर सिंह को तैयार रहना चाहिए. नेक नीयत से उठाई गई कसम वाहेगुरु के दरबार में भी परवान होती है.” उन्होंने आगे कहा, “चार सप्ताह में नशा खत्म करने की कसम खाने से नशा खत्म नहीं होता. नशे के बड़े व्यापारियों को जेलों में ठूंसने पर ही नशा रुक सकता है. नशे के कारण ही आज लोग इससे दूर रखने के लिए अपने बच्चों को विदेश भेज रहे हैं. वह दिन भी दूर नहीं जब पंजाबी यहां पंजाब में ही अल्पसंख्यक हो जाएंगे.”

जाखड़ कांग्रेस के शकुनि मामा 
बाजवा ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ पर हमला बोलते हुए कहा, “पंजाब कांग्रेस की राजनीति में जाखड़ शकुनी का रोल निभा रहे हैं. मुख्यमंत्री की हठधर्मिता के कारण ही जहरीली शराब ने इतनी जानें ले लीं, जिसके कारण यह मुद्दा राज्यपाल के पास उठाना पड़ा.” उन्होंने कहा, “पहले लगता था कि कैप्टन ही पंजाब और पंजाब कांग्रेस को खत्म करने पर तुले हैं, परंतु अब साफ हुआ है कि जाखड़ भी मुख्यममंत्री की परछाई बने हुए हैं.”

बता दें कि नकली शराब पिने के वजह से पंजाब में 100 लोगों की मौत होगई थी. जिसपर कांग्रेस के राज्यसभा सांसद प्रताप सिंह बाजवा और शमशेर सिंह डुल्लो ने राज्यपाल से मिलकर नकली बेचने वालो,  इसका कारोबार करने वालों पर नकेल कसने और दोषियों को सजा दिलाने के लिए सीबीआई जाँच की मांग की थी.   

प्रदेश ने पार्टी से निकालने केंद्रीय भेजा प्रस्ताव 
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह और प्रदेश अध्यक्ष सुनील जाखड़  को लेकर अपमान जनक और पार्टी लाइन के विरुद्ध बयान बाजी करने को लेकर प्रदेश कांग्रेस ने बाजवा और दुल्लो पर अनुशासत्मक कार्यवाही करने के लिए कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के पास प्रस्ताव भेजा है. ऐ.के.अंटोनी, सुशील कुमार शिंदे और मोतीलाल वोरा सदस्य वाली अनुशासत्मक समिति के साथ-साथ कांग्रेस अध्यक्ष को भी प्रस्ताव भेजा है.