Woman dies in nursing home, uproar in hospital - doctors and workers abscond

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    ओम प्रकाश मिश्र 

    रांची. झारखंड (Jharkhand) के धनबाद जिले (Dhanbad District) के एक स्थानीय नर्सिंग होम (Nursing Home) में प्रसव के लिए भर्ती कराई गई रोमा तिवारी नामक एक महिला की डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही से मौत हो गई। महिला ने एक बेटे को जन्म दिया है। रोमा की मृत्यु के बाद अस्पताल में मृतक के परिजनों ने जमकर हंगामा किया। रोमा के पति ने तुरंत न्याय नहीं मिलने पर आत्मदाह की धमकी दी है। डॉक्टर और अस्पताल का नाम जेहन में आते ही जीवन की रक्षा का भाव जागृत हो जाता है पर अगर डॉक्टर ही जीवन का भक्षक बन जाए तो सेवा भाव के लिए जाने जाने वाले डॉक्टर संदेह के घेरे में आ जाते है और उनकी कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़े हो जाते है। बीती रात की इस घटना से मृतक के परिजन काफी आक्रोशित है। स्थानीय पुलिस प्रशासन (Local Police Administration) ने उन्हें न्याय दिलाने का आश्वासन दिया है।

    शनिवार की रात घटी इस घटना में मृतक के परिजनों ने डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन पर आरोप लगते हुए कहा कि गर्भवती महिला रोमा तिवारी डॉक्टर और अस्पताल प्रबंधन के लापरवाही की वजह से उसकी मौत हो गई। एक बेटे को जन्म दी प्रसव सामन्य तरीके से हुआ फिर भी महिला की एक नस कट गयी और गलत ढंग से नस काटे जाने, अत्यधिक रक्त श्राव होने के कारण महिला की अस्पताल में मौत हो गई। मामले के संबंध में बताया गया कि डीजीएमएस कॉलोनी के रहने वाले भोला तिवारी ने शनिवार की आधी रात अपनी पत्नी को डॉ। सबिता शुक्ला दास के नर्सिंग होम में भर्ती कराया था। वह गर्भवती थीं और उनके पेट में दर्द उठा था। 

    न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह करेंगे

    भोला तिवारी ने बताया कि रात करीब दो बजे सामान्य प्रसव हुआ। उनकी पत्नी ने एक बेटे को जन्म दिया। परिवार में ख़ुशी का माहौल व्याप्त हो गया। इसके कुछ देर बाद ही कर्मचारियों ने उन्हें बताया कि एक नस कट जाने के कारण खून बह रहा है इसलिए रक्त की आवश्यकता है। भोला रक्त लेने एसएनएमएमसीएच चले गए। वहां से लाकर एक यूनिट रक्त दिया तो पुनः दोबारा रक्त लाने की बात कही गई। भोला पुनः खून लेने गए जब वे एसएनएमएमसीएच में थे, तभी उनकी भाभी ने फोन पर रोमा तिवारी के निधन की जानकारी दी। वो वापस अस्पताल पहुंच कर जब ऑपरेशन थियेटर में गए तो वहां उनकी मृत पत्नी और नवजात शिशु के अलावा कोई नहीं था। डॉक्टर समेत अन्य कर्मचारी नदारद थे। तिवारी ने बताया कि प्रसव के वक्त डॉ। सबिता शुक्ला दास के अलावा गोविंद और बबीता नाम के दो अन्य कर्मचारी भी थे। पर उनकी पत्नी की मौत के बाद से सभी फरार हो गए। रोमा की मौत के पश्चात लोगों में चिकित्सक और अस्पताल कर्मचारियों के प्रति रोष भड़क उठा। उन्होंने अस्पताल में जमकर हंगामा मचाना शुर कर दिया। हंगामे की सूचना पाकर पुलिस अस्पताल पहुंची। पुलिस ने हंगामा करने वालों समझाया, मगर वे मानने को तैयार नहीं थे। रोमा के पति समेत परिजनों का कहना है कि जब तक डॉक्टर को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता तब तक प्रदर्शन नहीं थमेगा। भोला ने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला तो वह आत्मदाह करेंगे। पुलिस ने सभी को शांत कराया और उन्हें घटना की सत्यता की जांच कर त्वरित न्याय दिलाने का आश्वासन दिया।