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चेन्नई: तमिलनाडु विधानसभा चुनाव 2021 के लिये मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर अन्नाद्रमुक के दो मंत्रियों के अलग-अलग विचारों पर पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने बुधवार को कहा कि उनकी सोच को पार्टी की आधिकारिक राय नहीं माना जा सकता और इस तरह का फैसला पार्टी का उपयुक्त निकाय करेगा। राज्य के मत्स्य पालन मंत्री डी जयकुमार ने यह भी कहा कि सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त करने से अन्नाद्रमुक की जीत सुनिश्चित करने की पार्टी कार्यकर्ताओं की कोशिशें कमजोर पड़ सकती हैं। तमिलनाडु में 2011 से अन्नाद्रमुक सत्ता में है।

दरअसल, राज्य के डेयरी विकास मंत्री के टी राजेन्द्र बालाजी ने मौजूदा मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी को ही अगले चुनाव में इस पद का उम्मीदवार बनाने का मंगलवार को पुरजोर समर्थन किया था। उन्होंने कैबिनेट के अपने साथी तथा मदुरै के नेता एस के राजू के विपरीत अपने विचार व्यक्त किये थे। सहकारिता मंत्री राजू ने सोमवार को कहा था कि अगले साल विधानसभा चुनाव के बाद अगर पार्टी फिर से सत्ता में आती है तो निर्वाचित विधायक मुख्यमंत्री का चुनाव करेंगे।

दो मंत्रियों के अलग-अलग विचारों पर जयकुमार ने कहा कि अन्नाद्रमुक के सभी कार्यकर्ताओं की इच्छा 2021 के चुनाव में भी पार्टी को जीत हासिल करते देखना है और इस तरह सार्वजनिक रूप से अपने विचार व्यक्त करने से उनकी कोशिशें ”कमजोर” पड़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि एम जी रामचंद्रन और जे जयललिता के समय से शक्तिशाली कार्यकारी परिषद और महा परिषद ही अहम फैसले लेती रही है। हमें ऐसे बयान देकर अपने विरोधियों को मौका नहीं देना चाहिये।(एजेंसी)