पुणे. राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख ने पुणे स्थित फॉरेंसिक लैब में जाकर जायजा लिया. इससे पहले कोई भी गृहमंत्री फॉरेंसिक लैब में नहीं गया है. महाराष्ट्र के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है कि बीते 60 सालों में कोई गृहमंत्री किसी फॉरेंसिक लैब में दौरे पर गया हो. इस दौरान अनिल देशमुख ने वहां मौजूद कर्मचारियों से बातचीत की.
इस दौरान उन्होंने यह भी जाना कि क्राइम की जांच में किस प्रकार यह प्रयोगशाला काम में आती है और इन कर्मचारियों को किस प्रकार की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. साथ ही उन्होंने वहां किस चीज की कमी है जिसको यहां पर बढ़ाया जाए इन तमाम बातों पर चर्चा भी की.
कामकाज के तरीकों को जाना
पुणे के क्षेत्रीय फोरेंसिक विज्ञान प्रयोगशाला के उपनिदेशक राजेंद्र कोकरे ने गृह मंत्री अनिल देशमुख को विभाग के विभिन्न चीजों से अवगत कराया. उन्होंने प्रयोगशाला में होने वाली विभिन्न गतिविधियों क्राइम इन्वेस्टिगेशन, ध्वनि विश्लेषण और उसके उपकरण, विष विज्ञान और अन्य जानकारियां दी. देशमुख ने फॉरेंसिक लैब के कामकाज के तरीकों को जाना साथ ही यहां काम करनेवाले कर्मचारियों की परेशानियों को भी समझा और उन्हें दूर करने का भरोसा दिलाया.गृहमंत्री के साथ चर्चा में सहायक निदेशक धर्मशीला सिन्हा, नीलिमा बख्शी, सोनाली फूलमाली, वैशाली शिंदे, अंजलि बड्डे, महेंद्र जावले और अन्य ने भाग लिया.