Decision of the Policy Making Coordinating Officer, PMC Commissioner

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पुणे. पुणे महानगरपालिका (Pune Municipal Corporation) कर्मियों को रहने के लिए दी गई बस्तियों की हालात काफी खस्ता है। इसको लेकर शिकायतें आ रही है। इस वजह से इन बस्तियों का पुनर्विकास करने का मन पीएमसी प्रशासन (PMC Administration) ने बना लिया था। इन बस्तियों का बीओटी (BOT) पर पुनर्विकास (Redevelopment) करने के लिए विरोध किया गया है। इस वजह से अब पीएमसी ने इन बस्तियों के पुनर्विकास का प्रस्ताव प्रशासन द्वारा मंजूरी (Approval) के लिए सर्वदलीय नेताओं के समक्ष रखा है, लेकिन इस पर विगत कई महीनों से चर्चा नहीं हो पा रही है।

सर्वदलीय नेताओं का कहना है कि इसको लेकर विस्तारित नीति बनाई जाए। इसको लेकर नीति तय करने अब पीएमसी कमिश्नर विक्रम कुमार ने उपायुक्त राजेंद्र मुठे (Rajendra Muthe) के रूप में समन्वय अधिकारी की नियुक्ति की है। मुठे को सम्बंधित सभी विभागों से समन्वय कर नीति बनानी है। 

विभिन्न इलाकों में 7 बस्तियां 

ज्ञात हो कि पीएमसी की ओर से अपने कर्मियों के लिए रहने के लिए घर दिए जाते हैं। उसके बदले में पीएमसी उनसे घर भत्ता वेतन से वसूलती है, लेकिन हाल ही में इन बस्तियों की हालात काफी खराब हो गई है। बारिश के मौसम में तो ये काफी खतरनाक हो जाती है। इस वजह से इनका पुनर्विकास करना जरूरी है। पीएमसी प्रशासन की माने तो महानगरपालिका द्वारा घोरपड़ी पेठ कॉलोनी क्रमांक 8 और 9, राजेंद्र नगर बस्ती, शुक्रवार पेठ, मंगलवार पेठ, साने गुरूजी बस्ती, संभाजी नगर बस्ती, वाकडेवाडी बस्ती, ये बस्तियां बनाई है। इसको लेकर आ रही शिकायतों को देखकर महानगरपालिका ने इनका पुनर्विकास करने का मन बनाया था। यह पुनर्विकास बीओटी के तौर पर करने के लिए टेंडर प्रक्रिया भी लागू की गई थी, लेकिन इसे विरोध किया गया था। इस वजह से बीओटी का प्रस्ताव हाल ही में खारिज किया है। इस पर पीएमसी द्वारा एक प्रस्ताव बनाया था। 

सविस्तार नीति बनाने की नेताओं की मांग   

पुनर्विकास का प्रस्ताव बनाने से पहले प्रशासन द्वारा एक समिति बनाई गई थी। इसके अनुसार, बस्तियों की जगह पीएमसी की होने के कारण इसका पुनर्विकास प्रधानमंत्री योजना के तहत बिल्डर के तहत किया जाएगा। ईपीसी तर्ज पर भवन रचना के तहत बस्तियों का पुनर्विकास करना होगा। हाल ही में जो कर्मी बस्ती में रहे हैं, उन्हें ये बस्तियों लीज पर दी जाए और उनके द्वारा इन बस्तियों का पुनर्विकास किया जाए। इन सभी विकल्पों पर सर्वदलीय नेताओं की बैठक में चर्चा कर फैसला लेना है, लेकिन नेताओं का कहना है कि इसको लेकर विस्तारित नीति बनाई जाए। इसको लेकर नीति तय करने अब पीएमसी कमिश्नर विक्रम कुमार ने उपायुक्त राजेंद्र मुठे के रूप में समन्वय अधिकारी की नियुक्ति की है। इसमें भवन विभाग, निर्माण कार्य विभाग और झोपड़पट्टी विभाग का समावेश है। मुठे को सम्बंधित सभी विभागों से समन्वय कर नीति बनानी है। हाल ही में पीएमसी कमिश्नर द्वारा यह निर्देश जारी किए है।