Pimpri-Chinchwad Municipal Corporation
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पिंपरी. विधानसभा चुनाव से चली आ रही भाजपा विधायक और शिवसेना गुटनेता के बीच की सियासी रंजिश की गूंज पिंपरी-चिंचवड़ मनपा में अब तक सुनाई दे रही है. बीते दिनों सभागृह नेता की केबिन के दरवाजे की पटका- पटकी के बाद स्थायी समिति की साप्ताहिक बैठक में गिलास पटककर माइक की तोड़फोड़ की गई. 

भले ही बैठक में हुए इस ‘राडे’ की वजह आचार संहिता के कारण सभा का कामकाज नहीं होने की बात से अवगत नहीं कराए जाना बताई जा रही हो. मगर इसके पीछे की असली वजह शिवसेना गुटनेता के प्रभाग में 51 करोड़ रुपए की लागतवाली सड़क विकास की योजनाओं को लेकर जारी सियासी रणसंग्राम ही है.

सभा स्थगित करने की घोषणा के बाद बवाल

विधानपरिषद की पुणे स्नातक मतदाता निर्वाचन सीट के चुनाव की आचार संहिता जारी हो गई है. मनपा के सभी पदाधिकारियों से वाहन आदि सुविधाएं निकाल ली है. कोई भी नीतिपूर्ण निर्णय लेने पर बंधन रहने से कल की स्थायी समिति की बैठक स्थगित की गई. इस सभा में समिति सभापति संतोष लोंढे के अलावा भाजपा के अंबरनाथ कांबले, अभिषेक बारणे और शशिकांत कदम को छोड़ कोई सदस्य मौजूद न था. मनपा कमिश्नर श्रावण हार्डिकर भी प्रशासकीय काम से मुंबई गए थे. सभा स्थगित करने की घोषणा के साथ ही अन्य तीनों सदस्यों ने हंगामा मचाना शुरू कर दिया.उनका कहना था कि सभा का कामकाज नहीं हो सकता, सभा स्थगित की जानी थी तो हमें उसकी जानकारी पहले क्यों नहीं दी गई. क्या हमारे पास कोई काम धंधा नहीं है? यह सवाल उठाते हुए किसी ने कांच के गिलास तोड़ दिया तो किसी ने फाइलें फेंक दी.एक महाशय ने तो सीधे माइक ही तोड़ दिया.

जगताप-कलाटे की सियासी रंजिश मुख्य वजह

माहौल गरमाता देख सुरक्षा विभाग ने पिंपरी पुलिस को इसकी जानकारी दी. स्थायी समिति सभापति के जाते ही तीनों सदस्यों ने अतिरिक्त आयुक्त अजीत पवार पर सवालों की बौछार कर दी. उनके इस हंगामे की गूंज पूरे मनपा गलियारे में उठी. वहां से गुजर रहे सभागृह नेता नामदेव ढाके ने आक्रोशित सदस्यों को समझा बुझाकर शांत किया. बहरहाल सियासी गलियारों में इस हंगामे की वजह कुछ और ही बताई जा रही है. इस हंगामे की सही वजह भाजपा के वरिष्ठ विधायक लक्ष्मण जगताप और शिवसेना गुटनेता राहुल कलाटे के बीच विधानसभा चुनाव से शुरू सियासी रंजिश है. कलाटे के वाकड, ताथवडे, पुनावले प्रभाग में सड़क विकास के करीबन 75 करोड़ और स्कूल इमारत के निर्माण के 24 करोड़ कुल 100 करोड़ रुपए के प्रस्ताव को स्थायी समिति में जगताप गुट के नगरसेवकों ने विरोध जताया था.

आड़े हाथों लेने की तैयारियों पर फिरा पानी

भाजपा के दूसरे विधायक और शहराध्यक्ष महेश लांडगे के समर्थक नगरसेवकों ने प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया था.इस तरह से 2 प्रस्ताव मंजूर कराने में कलाटे ने सफलता पायी. इस पर आगबबूला हुए जगताप समर्थकों ने अन्य 2 प्रस्ताव खारिज कर मात दी. कलाटे ने इसकी शिकायत राज्य के नगर विकास विभाग से की. इसे संज्ञान में लेकर नगरविकास विभाग ने मनपा आयुक्त हार्डिकर से राय मांगी।उन्होंने अपने अभिप्राय में कहा कि वाकड में तेजी से बढ़ते नागरिकरण, विकास और यातायात के मद्देनजर इन सड़कों को विकसित करने की आवश्यकता बताई।इसके बाद सरकार ने स्थायी समिति द्वारा बिना किसी कारण के खारिज किए गए इन प्रस्तावों को निलंबित कर दिया.इसके बाद से विधायक लक्ष्मण जगताप के खेमे में कड़ी नाराजगी है.पिछले सप्ताह इसी मुद्दे पर सभागृह नेता ढाके की केबिन के ‘एंटी चेंबर’ में खासा ‘राडा’ हुआ था.कल बैठक में हंगामा करनेवाले विधायक जगताप समर्थक नगरसेवकों ने कमिश्नर और सभापति को आड़े हाथों लेने की तैयारी की थी. मगर आचार संहिता ने उनकी तैयारियों पर पानी फेर दिया.