12 ताड़ी व्यवसायियों के लाइसेन्स स्थायी रूप से रद्द

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पुणे. पुणे जिले में ताड़ी के 12 लाइसेन्स धारकों की ताड़ी के नमूनों में फ्लोरल हाइड्रेड की मिलावट पाई गई. संबंधित लाइसेन्स धारकों के लाइसेंस अपात्र घोषित कर दिए गए हैं. इस विषय में जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख के समक्ष सुनवाई के बाद उक्त सभी व्यवसायियों के खिलाफ कोर्ट में फौजदारी कानून के तहत मुकदमा दायर करने का आदेश भी जारी किया गया है.

जिले में सन 2019-20 के लिए 16 ताड़ी व्यवसायियों को लाइसेन्स दिए गए थे. सभी लाइसेन्स धारकों से ताड़ी के नमूने संकलित करने और उनकी जांच किए जाने की मुहिम राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के अधीक्षक संतोष झगड़े द्वारा शुरू की गई थी. सभी व्यवसायियों से ताड़ी के नमूने संकलित कर उन्हें मुंबई स्थित हॉफकिन प्रशिक्षण, संशोधन और जांच’ संस्था में भेजा गया था. जांच में 12 नमूने फ्लोरल हाइड्रेड की मिलावट वाले पाए गए. 

जांच में मिली मिलावटी ताड़ी

मिलावटी ताड़ी से स्वास्थ्य बुरी तरह प्रभावित होता है. इस वजह से उक्त सभी व्यवसायियों के लाइसेन्स रद्द कर उनके खिलाफ फौजदारी कानून के तहत मुकदमा दायर करने का आदेश दिया है. इन सभी लाइसेन्सधारकों को भविष्य में पुनः लाइसेन्स प्राप्त करने के लिए भी अपात्र घोषित किया गया है. जिलाधिकारी डॉ. राजेश देशमुख ने मिलावट करने वाले सभी 12 लाइसेन्स धारकों के खिलाफ राज्य उत्पादन शुल्क विभाग के आयुक्त द्वारा 15 जुलाई 2003 में जारी किए गए निर्देश और महाराष्ट्र शराबबंदी अधिनियम 1949 की धारा 77.78(अ) व 82 और आईपीसी 1860 की धारा 272 के तहत अपराध दर्ज करने व कोर्ट में फौजदारी का मामला दायर करने का आदेश दिया है. भविष्य में भी ताड़ी निर्माण और विक्री केंद्रों पर कड़ी कार्रवाई जारी रखने का आदेश भी दिया है.