Mayor Murlidhar Mohol

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    पुणे. महामारी कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के शांत होने के बाद मुंबई (Mumbai) की दुकानें और संस्थाएं मंगलवार से सप्ताह में हर दिन रात 10 बजे तक खुली रखने की परमिशन (Permission) दी गई है। दवा की दुकानों को 24 घंटे खुले रखने की छूट दी गई है। हालांकि, होटल शाम 4 बजे तक ही खुले रहेंगे। हालांकि, इन सहूलियतों से पुणे जिले को दूर रखा गया है। इस पर महापौर (Mayor) मुरलीधर मोहोल (Murlidhar Mohol) ने कड़ी नाराजगी जताई है।

    राज्य सरकार (State Government) ने बीती शाम सहूलियतों का पिटारा खोलते हुए उक्त छूट के साथ सरकारी और प्राइवेट कार्यालय पूरी क्षमता से खोलने की अनुमति दी है। मुंबई शहर, मुंबई, उपनगर और ठाणे इन तीन जिलों में प्रतिबंधों में छूट देने का सर्वाधिकार स्थानीय प्रशासन को दिया गया है। मगर राज्य के पुणे, कोल्हापुर, सांगली, सातारा, रत्नागिरी, सिंधुदुर्ग, सोलापुर, नगर, बीड़, रायगढ़, पालघर इन 11 जिलों में प्रतिबंध पहले की तरह बने रहेंगे। इन 11 जिलों में शाम 4 बजे तक ही दुकानें खुली रहेंगी।

    पुणे में प्रतिबंध जारी रखने पर नाराजगी व्यक्त की जा रही है और इस मसले को लेकर राजनैतिक विवाद बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। खास कर पुणे महानगरपालिका में भाजपा की सत्ता होने की वजह से सत्ताधारी और विपक्ष में विवाद बढ़ने की आशंका है। इस संबंध में पुणे महापौर मुरलीधर मोहोल ने नाराजगी जताने वाला ट्वीट किया है। एक ट्वीट से उन्होंने सवाल उठाया है कि मुंबई के लिए अलग न्याय और पुणे के लिए अलग न्याय क्यों ? उन्होंने कहा है कि पुणे शहर की पॉजिटिविटी रेट 4 फीसदी रहने के बावजूद इसे लेवल तीन में रखा गया है। यह पुणे वासियों के साथ अन्याय है। शहर में महीने भर में पॉजिटिविटी रेट 5 से 4 फीसदी पर आ गया है। उन्होंने दूसरे ट्वीट में कहा है कि इस मसले को लेकर पालकमंत्री के साथ कोरोना समीक्षा बैठक में प्रतिबंधों में छूट देने को लेकर मांग की गई थी। महापौर के तौर पर मैं शहर के व्यापारियों के साथ हूँ। इस मामले में राज्य सरकार न्याय दें, यह मांग महापौर ने की है। 

    मुरलीधर मोहोल ने किया ट्वीट