पुणे. महामारी कोरोना के बढ़ते संक्रमण के खतरे को भांपते हुए जेलों में कैद शातिर बदमाशों को पैरोल और जमानत पर रिहा किया जा रहा है. हालांकि बाहर आने के बाद कुछ शातिर पुनः आपराधिक वारदातों में लिप्त पाए जा रहे हैं.ताजा मामला पुणे के येरवडा इलाके का है, जिसमें लूटपाट की वारदात को अंजाम देनेवाले 2 शातिर बदमाश पुणे पुलिस की क्राइम ब्रांच के यूनिट-4 के हत्थे चढ़े हैं.इसमें से एक शातिर बदमाश के हाल ही में पैरोल पर जेल से बाहर आने की जानकारी सामने आयी है.
व्यंकटेश के खिलाफ 55 आपराधिक मामले दर्ज
व्यंकटेश दत्ता तगारे (35) और सनी सतीश गायकवाड (26) ऐसे गिरफ्तार आरोपियों के नाम हैं.इनमें से व्यंकटेश एक शातिर बदमाश है जिसके खिलाफ 55 आपराधिक मामले दर्ज हैं.वह हाल ही में पैरोल पर जेल से बाहर आया है.शुरू में दोस्तों से उधार लेकर उदरनिर्वाह करने की कोशिश की.कुछ दिन नौकरी भी की, लेकिन इन सबसे उसका शराब पीने का शौक पूरा नहीं हो पा रहा था.इसलिए उसने लूटपाट की वारदातें शुरू की.
लूटपाट की वारदात शुरू की
यूनिट-4 के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक अंजुम बागवान के अनुसार, 1 अगस्त की रात वडग़ांव शेरी निवासी किरण शिंदे जोकि एक अस्पताल में वार्डबॉय की नौकरी करते हैं, पैदल जा रहे थे.तब दोपहिया से आये दो बदमाशों ने उन्हें लिफ्ट की पेशकश कर कुछ दूरी पर सुनसान जगह ले जाकर उनके गले को चाकू लगाकर उनसे लुटपाट की.इस बारे में येरवडा पुलिस ने मामला दर्ज किया.येरवडा पुलिस के साथ ही क्राइम ब्रांच यूनिट-4 भी मामले की समांतर जांच में जुटी थी.बदमाशों के हुलिए और तकनीकी विश्लेषण से पुलिस कर्मचारी सचिन ढवले ने उनके खड़की परिसर में रहने की जानकारी हासिल की.इसके बाद पुलिस उपनिरीक्षक विजय झंजाड, कर्मचारी सुनील पवार, सुरेंद्र साबले, विशाल शिर्के, रमेश राठोड, अब्दुल सय्यद, गणेश सालुंके, सागर घोरपडे ने जाल बिछाकर खड़की से दोनों बदमाशों को हिरासत में लिया.पूछताछ में उन्होंने वार्डबॉय को लूटने की वारदात स्वीकार की.उन्होंने बंडगार्डन, आकुर्डी, रेल्वे स्टेशन परिसर से मोबाइल फोन लूटने की वारदात भी स्वीकार की.उनसे 7 मोबाइल और एक दोपहिया बरामद की गई.