Prashant Girbane MCCIA

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    पुणे. शहर (City) के उद्योगों (Industries) में उत्पादन का स्तर जुलाई में 78 फीसदी तक पहुंच गया है और मैन पावर (Manpower Attendance) की उपस्थिति भी 78 फीसदी तक पहुंच गई है। मराठा चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (Maratha Chamber of Commerce, Industries and Agriculture) (एमसीसीआईए) के एक सर्वेक्षण के मुताबिक जून में ये आंकड़े क्रमश: 3 फीसदी और 77 फीसदी थे।

    कोरोना प्रतिबंधों का उद्योगों पर कैसा परिणाम हो रहा है, इसका रिसर्च करने के लिए एमसीसीआईए पिछले 15 महीनों से शहर में उद्योगों का सर्वेक्षण कर रही है। हालांकि 16वें सर्वेक्षण के बाद से उद्योग की स्थिति में सुधार हुआ है, फरवरी-मार्च में उत्पादन 85 प्रतिशत और मैन पावर की उपस्थिति 86 प्रतिशत थी। एमसीसीआईए के एक सर्वेक्षण के अनुसार, इसे हासिल करने में कुछ समय लगेगा।

    सर्वेक्षण में शहर के सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों के 150 प्रतिनिधियों को शामिल किया गया है। इसमें 66 फीसदी उत्पादन, 14 फीसदी सेवाएं और 20 फीसदी दोनों क्षेत्र शामिल हैं। इंडस्ट्री के तीस फीसदी लोगों का मानना है कि कोरोना से पहले की स्थिति में उद्योग पहुंच गई है, जबकि 52 फीसदी का मानना है कि इंडस्ट्री को ठीक होने में छह महीने और लगेंगे। सर्वे के मुताबिक, 18 फीसदी उद्योगों का कहना है कि उन्हें ठीक होने में छह महीने से ज्यादा का समय लगेगा।

    “शहरी इलाके में उद्योगों की परिस्थिति हर महीने सुधर रही है, यह दिख रहा है। हालांकि, इस साल फरवरी और मार्च में उद्योग की जो परिस्थिति थी वहां अभी तक नहीं पहुंची है। प्री-कोरोना स्थिति तक पहुंचने में निश्चित रूप से कुछ और समय लगेगा। कोरोना मरीजों के घटते अनुपात को देखते हुए पाबंदियों में ढील देने की भी जरूरत है। टीकाकरण में तेजी लाने के लिए उद्योग और स्थानीय प्रशासन को और अधिक प्रयास करना चाहिए।”

    – प्रशांत गिरबने, महानिदेशक, एमसीसीआईए