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    ‘चैत्र नवरात्रि’ मंगलवार से शुरू हो चुकी है। ‘नवरात्रि’ के पावन पर्व में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, जो भक्त सच्चे मन से ‘नवरात्रि व्रत’ का पालन करता है, उसकी सभी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं। शास्त्रों के नियमानुसार,  इस दौरान सात्विक भोजन करने की सलाह दी जाती है। इस दौरान लहसुन, प्याज खाने की मनाही होती है। इसके पीछे वैज्ञानिक कारण तो हैं ही, साथ ही इस संबंध में पौराणिक कथाओं का भी वर्णन मिलता है। आइए जानें नवरात्रि के दौरान लहसुन प्याज क्यों नहीं खाना चाहिए?

    • नवरात्रि में लहसुन और प्याज खाने की मनाही होती है, क्योंकि ये दोनों तामसिक भोजन की श्रेणी में आते हैं।  ऐसा कहा जाता है कि इसके सेवन से मन में जुनून, उत्तेजना, कामेच्छा, अहंकार, क्रोध जैसे भाव आते हैं। जबकि नवरात्रि में संयम, शांति और ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। इस कारण नवरात्रि में लहसुन और प्याज के सेवन की मनाही होती है।
    • पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान विष्णु मोहिनी रूप धारण कर समुद्र मंथन से निकले अमृत देवताओं में बांट रहे थे। तभी दो राक्षस राहु और केतु ने धोखे से अमृत पी लिया, जब भगवान विष्णु को यह मालूम हुआ तो उन्होंने क्रोध में दोनों असुरों के सिर धड़ से अलग कर दिए। मगर, अमृत पीने की वजह से वो मरे नहीं बल्कि जिंदा थे। उनके रक्त की बूंद जब जमीन पर गिरी तो उससे लहसुन-प्याज उत्पन्न हुए। इसलिए भी नवरात्रि के दौरान लहसुन प्याज खाने की मनाही होती है।
    • प्याज और लहसुन अमृत की बूंदों से उपजे होने के कारण यह सेहत के लिए बहुत फायदेमंद होते हैं और रोगों को नष्ट करने में सहायक होते हैं। लेकिन, इनमें मिला अमृत राक्षसों के मुख से होकर गिरा है, इसलिए इनमें तेज गंध है। यही वजह है कि राक्षस के मुख से गिरे होने के कारण इन्हें अपवित्र माना जाता है और देवी देवताओं के भोग में इस्तेमाल नहीं किया जाता।
    • वैज्ञानिकों का मानना है कि इस दौरान मौसम में बदलाव का असर इम्यूनिटी पर पड़ता  है, जिससे बैक्टीरियल और इंफेक्शन बीमारियों का खतरा रहता है। वैसे भी कोरोना के चलते हर किसी को हेल्दी फूड खाने की सलाह दी जाती है। प्याज और लहसुन से शरीर में गर्मी पैदा होती है और दिमाग सुस्त हो जाता है। ऐसे में इन्हें इस दौरान नहीं खाना चाहिए।

    -सीमा  कुमारी