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    -सीमा कुमारी

    सनातन हिंदू धर्म में नारियल को पवित्र माना जाता है, इसे ‘श्रीफल’ के नाम से जाना जाता है। सभी शुभ एवं मांगलिक अनुष्ठानों में नारियल का उपयोग किया जाता है, जैसे- गृह प्रवेश, विवाह और अन्य पूजा-अनुष्ठानों में, शुभ कार्यों में कलश पर नारियल जरूर रखा जाता है।  

    किसी भी शुभ कार्य को आरंभ करने से पहले नारियल फोड़ा जाता है। क्योंकि शास्त्रों के अनुसार, नारियल को बहुत ही पवित्र माना जाता है। अत्यधिक ऊंचाई पर होने और इसकी ऊपरी सतह बहुत सख्त होने के कारण इस फल को कोई पशु या पक्षी झूठा नहीं कर पाता है। इसलिए इसका उपयोग पूजा अनुष्ठान में किया जाता है।

    आपने इस बात पर ज़रूर ध्यान दिया होगा कि नारियल केवल पुरूष ही फोड़ते हैं, महिलाओं को नारियल फोड़ने के लिए मना किया जाता है, लेकिन क्या आपको पता है कि महिलाएं नारियल क्यों नहीं तोड़ती सकती हैं। चलिए जानें इस बारे में-

    • महिलाएं नारियल इसलिए नहीं फोड़ती हैं, क्योंकि नारियल फोड़ना बलि का प्रतीक माना जाता है और परंपरागत रूप से नारियल को नई सृष्टियों के सृजन का बीज माना गया है।
    • नारियल को बीज का स्वरूप माना गया है और इसे प्रजनन से जोड़कर देखा जाता है। महिलाओं को ही ईश्वर ने संतान को जन्म देने की शक्ति प्रदान की है। इसलिए स्त्री को उत्पत्ति का कारक माना गया है, यही कारण है कि महिलाओं के लिए नारियल फोड़ना वर्जित कर्म माना गया है।
    • शास्त्रों के मुताबिक, जब कोई नया वाहन ख़रीददता है, या व्यापार आदि शुरू करता है, तो नारियल फोड़ा जाता है। इसके पीछे तर्क है कि नारियल के अंदर का जल बहुत ही पवित्र होता है। जब हम नारियल फोड़ते हैं तो उसका जल चारों ओर बिखर जाता है, जिससे सारी नकारात्मकता समाप्त हो जाती है।
    • इसके अलावा विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए भी मंदिर में नारियल फोड़ते हैं। पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर अवतार लिया तो वे अपने साथ तीन चीजें- लक्ष्मी, नारियल का वृक्ष तथा कामधेनु लेकर आए। ये तीनों ही चीजें मनुष्य के लिए वरदान हैं। यही कारण है कि नारियल के वृक्ष को कल्पवृक्ष भी कहा जाता है।
    • नारियल में ब्रह्मा, विष्णु और महेश, तीनों ही देवताओं का वास माना गया है। नारियल पर बने हुए तीन बिंदु भगवान शिव के तीन नेत्रों का प्रतीक माने जाते हैं। नारियल को ‘श्रीफल’ भी कहा जाता है। ‘श्री’ का अर्थ होता है ‘लक्ष्मी’। इसलिए नारियल मां लक्ष्मी को प्रिय है। देवताओं को ‘श्रीफल’ अर्पित करने से धन की समस्या नहीं रहती है।