अरुणाचल और सिक्किम विधानसभा के नतीजे अब 2 जून को, EC की अजीब कार्यप्रणाली, क्या पहले ही मालूम नहीं था

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चुनाव आयोग (Election Commission) से उम्मीद की जाती है कि वह चुनाव कार्यक्रम घोषित करने के पूर्व सभी पहलुओं और स्थितियों को भलीभांति जान-समझ ले। भारत जैसे बड़े देश मेंकिस राज्य की विधानसभा का कार्यकाल कब समाप्त हो रहा है तथा कब किस समुदाय का पर्व या त्योहार है, इन तथ्योंको ध्यान में रखना आवश्यक है। यदि इन बातों को ध्यान में रखा जाए तो बाद में चुनाव कार्यक्रम में संशोधन करने की नौबत नहीं आती। आज तो गूगल जून को आ जाएंगे। सिक्किम और अरुणाचल के मामले में चुनाव पर तमाम विवरण उपलब्ध हैं।

इसके अलावा निर्वाचन आयोग के पास आयोग को अपनी गलती सुधारनी पड़ी। हालांकि संसदीय निर्वाचन क्षेत्रों अपना भी विस्तृत रिकार्ड होगा। जरूरत सिर्फ सतर्कता और सावधानी के लिए कार्यक्रम को लेकर कोई बदलाव नहीं होगा। दूसरी ओर इंडियन बरतने की है। कुछ तथ्यों को दोबारा चेक किया जा सकता है ताकि यूनियन मुस्लिम लीग व केरल के एक मुस्लिम संगठन ने चुनाव आयोग गलती न होने पाए। 

आखिर निर्वाचन आयोग को अरुणाचल प्रदेश और से 26 अप्रैल को होनेवाला लोकसभा चुनाव स्थगित करने की मांग की सिक्किम के चुनावी कार्यक्रम में बदलाव करना पड़ा। पहले घोषित किया गया था कि समूचे देश में मतगणना 4 जून को होगी लेकिन अब कहा गया कि अरुणाचल और सिक्किम के विधानसभा चुनाव के नतीजे 2 जून को आ जाएंगे। 

इसकी वजह यह है कि दोनों विधानसभाओं का कार्यकाल 2 जून को समाप्त हो रहा है, इसलिए तारीख पहले कर दी गई। वास्तव में कार्यकाल समाप्ति के पहले ही चुनाव नतीजे आ जाने चाहिए जैसे कि वर्तमान लोकसभा का टर्म 16 जून 2024 तक है लेकिन नतीजे 4 क्योंकि उस दिन शुक्रवार है।