बजट से कितने विकास की उम्मीद

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    आमतौर पर केंद्रीय आम बजट से सामान्य जनता को यही उम्मीद रहती है कि वित्त मंत्री के पिटारे से कौन सी नई सुविधा, राहत या रियायत मिलने जा रही है, क्या सस्ता होगा और आयकर से छूट का दायरा बढ़ेगा या नहीं? इन मुद्दों के अलावा बजट के आयाम काफी व्यापक होते हैं जो सरकार के कदमों की भावी दिशा को दर्शाते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा भी कि चुनाव तो आते-जाते रहेंगे लेकिन संपूर्ण वर्ष की अर्थनीति की दिशा तय करनेवाला बजट अधिवेशन सार्थक होना चाहिए. 

    कारोना की वजह से लड़खड़ाती अर्थव्यवस्था के दौर में वित्त मंत्री  निर्मला सीतारमण द्वारा पेश बजट में कुछ विकास संबंधी वादे किए गए और वर्तमान योजनाओं को आगे बढ़ाया जा रहा है. पूर्वोत्तर क्षेत्र के राज्यों का विकास कर उन्हें राष्ट्र की मुख्यधारा में लाना है इसलिए इसके लिए ‘पीएम विकास पहल’ नामक नई योजना शुरू की जाएगी. उत्तरी सीमा पर स्थित गांवों को नए जीवंत ग्राम कार्यक्रम के दायरे में शामिल किया जाएगा. वित्त मंत्री ने भारत की विकास दर 9.27 प्रतिशत रहने का अनुमान व्यक्त करते हुए कहा कि 60 लाख लोगों को नौकरी दी जाएगी. 

    नई ट्रेन व हाईवे का विस्तार

    वित्त मंत्री ने आगामी 3 वर्षों में 400 नई वंदे भारत ट्रेन शुरू करने और 100 पीएम गति कार्गो टर्मिनल बनाने का प्रस्ताव रखा. रेल सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए कहा गया कि स्वदेशी रेल सुरक्षा एवं क्षमता प्रौद्योगिकी ‘कवच’ के तहत 2000 किलोमीटर लंबे रेल नेटवर्क को लाया जाएगा. 2022-23 में नेशनल हाईवेज का 25,000 किलोमीटर विस्तार किया जाएगा. सड़क परिवहन मास्टर प्लान के लिए पीएम गति शक्ति को अंतिम रूप दिया जाएगा.

    आयकर स्लैब यथावत

    इनकम टैक्स की दरों और स्लैब में कोई बदलाव नहीं किया गया. राज्य सरकार के कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम में छूट का दायरा 10 प्रतिशत से बढ़ाकर 14 प्रतिशत कर दिया गया. जहां तक टैक्स रियायत की बात है, चमड़े का समान, कपड़े, मोबाइल चार्जर और मोबाइल लेंस सस्ते होंगे. इसके अलावा खेती का सामान और पालिश्ड हीरा सस्ता होगा. इस तरह कीमतों में कोई खास रियायत नहीं मिल पाई है.

    किसानों का तुष्टिकरण

    वित्त मंत्री ने कहा कि गेहूं और धान की एमएसपी पर खरीद के लिए सरकार 2.37 लाख करोड़ का भुगतान करेगी, जिसका किसानों के खाते में सीधा भुगतान होगा. 2022-23 को अंतरराष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष के रूप में मनाया जाएगा. ज्वार, बाजरा, रागी, कोदों, कुटकी जैसे मोटे अनाज की उपज को बढ़ावा दिया जाएगा.

    लघु-मध्यम उद्योग को बढ़ावा

    सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्योगों (एमएमएमई) की रेटिंग के लिए 6,000 करोड़ रुपए के कार्यक्रम को अगले 5 वर्षों में लागू किया जाएगा. ‘देश स्टैक ई-पोर्टल’ शुरू कर डिजिटल आधारभूत ढांचे को बढ़ावा दिया जाएगा.

    डिजिटल करेंसी की घोषणा

    भारतीय रिजर्व बैंक की डिजिटल करेंसी ‘डिजिटल रूपी’ को नए वित्त वर्ष की शुरुआत (अप्रैल) में लांच कर दिया जाएगा. इससे डिजिटल अर्थव्यवस्था का बढ़ावा मिलेगा तथा करेंसी मैनेजमेंट अधिक सक्षम व कम लागत वाला हो जाएगा. क्रिप्टो करेंसी से कमाई पर 30 प्रतिशत टैक्स लगेगा. डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए 75 जिलों में 75 डिजिटल बैंक स्थापित किए जाएंगे. चिप आधारित ई-पासपोर्ट भी जारी होंगे.

    कार्पोरेट टैक्स में कमी

    कंपनियों को राहत देते हुए कार्पोरेट टैक्स 18 फीसदी से घटाकर 15 फीसदी किया गया है. इस टैक्स पर सरचार्ज भी 12 प्रतिशत से घटाकर 7 प्रतिशत किया गया.

    डिजिटल विश्वविद्यालय का प्रस्ताव

    कोरोना महामारी के दौरान लगे प्रतिबंधों से औपचारिक शिक्षा को नुकसान पहुंचा, इसलिए देश में शिक्षा प्रदान करने के लिए डिजिटल यूनिवर्सिटी के गठन का प्रस्ताव रखा है. ‘एक क्लास एक टीवी चैनल’ की व्यवस्था की जाएगी. इस कार्यक्रम को वर्तमान 12 से बढ़ाकर 200 टीवी चैनल तक पहुंचाया जाएगा. कक्षा 1 से 12वीं तक क्षेत्रीय भाषाओं में पूरक शिक्षा दी जाएगी. 5जी मोबाइल सेवाओं की शुरुआत के लिए स्पेक्ट्रम की नीलामी अगले वित्त वर्ष में की जाएगी.