कांग्रेस को हल्के में न लें, नाना पटोले ने दिखाए कड़े तेवर

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    विधानसभा चुनाव के बाद चौथे नंबर पर रही कांग्रेस को महाविकास आघाड़ी की वजह से सत्ता में भागीदारी का अवसर मिल गया. आघाड़ी की 3 पार्टियों में कांग्रेस सबसे जूनियर पार्टनर है लेकिन स्वयं को राष्ट्रीय पार्टी और देश में बीजेपी के बाद दूसरा सबसे बड़ा दल मानने का उसका गुमान कायम है. अपनी पार्टी को कम आंका जाना या उसकी उपेक्षा किया जाना प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले को बर्दाश्त नहीं है. उन्होंने दिखा दिया कि कांग्रेस अपने स्वाभिमान के प्रति सजग है. 

    जब बड़े फैसले लेते समय एनसीपी और शिवसेना खुद ही सब कुछ तय कर लेती हैं तो कांग्रेस की नाराजगी स्वाभाविक है. इस तरह का रवैया देखते हुए पटोले ने कहा कि महाविकास आघाड़ी के सहयोगी दल कांग्रेस को हल्के में या ‘टेकन फॉर ग्रांटेड’ न लें. महाविकास आघाड़ी में होने के बावजूद कांग्रेस की ताकत कम नहीं होगी और हम राज्य में नंबर वन दल के रूप में उभरकर सामने आएंगे. पटोले के इस तीखे बयान को लेकर आघाड़ी की सहयोगी पार्टियों शिवसेना और एनसीपी सकते में आ गईं. 

    इसके बाद शिवसेना के संकटमोचक संजय राऊत ने आघाड़ी सरकार के शिल्पकार और मार्गदर्शक शरद पवार के घर जाकर करीब 2 घंटे मीटिंग की. माना जाता है कि पटोले के बेबाक बयान को लेकर चर्चा हुई. एक बार पवार ने ‘छोटा नेता’ बताकर पटोले की तौहीन की थी लेकिन आक्रामक तेवर रखने वाले पटोले के नेतृत्व में कांग्रेस ने स्थानीय निकाय चुनाव में जिस तरह सफलता हासिल की है, उसे देखते हुए उन्हें कम नहीं आंका जा सकता.

    अपने पूर्ववर्ती प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष की तुलना में नाना पटोले काफी तेज-तर्रार हैं. उन्होंने कहा भी कि कांग्रेस कभी खत्म न होने वाली पार्टी है. कांग्रेस को आगे बढ़ाने के हमारे प्रयास जारी हैं. राज्य में महाविकास आघाड़ी गठित करने के पीछे एक ही उद्देश्य था- बीजेपी को सत्ता से दूर रखना! हम पूरा ध्यान रखेंगे कि कांग्रेस की ताकत कम न होने पाए.