हेमंत सोरेन का इस्तीफा, ED का ‘शिकार’ झारखंड सरकार

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जिस बात का अंदाजा था, वही हुआ. गिरफ्तारी तो दो दिन पहले सोमवार को ही हो जानी थी. हेमंत सोरेन (Hemant Soren) रांची से दिल्ली के बीच गायब हो गए. ईडी का बिछाया जाल खाली गया. यह हेमंत, उनके वकील और उनके तमाम राजनीतिक हिमायती बखूबी जान गए थे. देर सबेर झारखंड में खेला तय था. अब जमीन और कोयला घोटाले में कितनी दम है और ईडी की तफ्तीश कितनी पुख्ता है यह तो आने वाला समय बताएगा लेकिन ठीक लोकसभा चुनाव से पहले ‘शिकार’ तो हो ही गया.

हालांकि यह अधूरा शिकार नजर आता है. दिल्ली से बाया कोलकाता मुख्यमंत्री निवास रांची पहुंचे हेमंत या यूं कहें कि झामुमो सुप्रीमो शिबू सोरेन इसे महज ईडी की कार्रवाई या फिर गिरफ्तारी के रूप में नहीं देख रहे थे. उनकी आशंका उस समय और पुख्ता हो गई जब मंगलवार को देर रात झामुमो विधायकों की बैठक में सीएम पद को लेकर बगावत के सुर फूटे. इन्ही सुरों को देखते हुए हेमंत ने पत्नी को सीएम बनाने की महत्वाकांक्षा को छोड़ते हुए पार्टी बचाने का निर्णय लिया.

झामुमो के वरिष्ठ नेता चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता बनना तय कर लिया. उन्होंने इस बगावत को मध्यप्रदेश के आपरेशन लोटस, महाराष्ट्र की दो बगावतों और बिहार की ताजा गठबंधन वाली नीतीश सरकार के परिपेक्ष्य में सूंघ लिया था. उनकी राजनीतिक समझ बुधवार की दोपहर ही सही साबित हो गई, जब ईडी टीम पूरे लावलस्कर के साथ सीएम निवास पर जा पहुंची. कुछ घंटों के बाद राज्यपाल ने गृहसचिव को हटाने का आदेश दे दिया.

शाम होते होते राज्य के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक को सीएम निवास पर बुला लिया गया. आखिरकार रात 9 बजे हेमंत सोरेन ने राजभवन पहुंचकर इस्तीफा देकर चंपई सोरेन को विधायक दल का नया नेता घोषित कर झामुमो, कांग्रेस, राजद गठबंधन की सरकार को पूरा शिकार होने से बचा लिया. विपक्ष लंबे अरसे से केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग की आवाज बुलंद कर रही है. बिहार का नौकरी के बदले जमीन घोटाला, महाराष्ट्र का खिचड़ी या बॉडी बैग घोटाला, दिल्ली का शराब घोटाला, बंगाल का शिक्षक भर्ती घोटाला या फिर झारखंड का अवैध कोयला खनन या जमीन घोटाला हो, सभी में ईडी के समन, पूछताछ और गिरफ्तारी का दौर बना हुआ है. खास बात यह है कि सभी घोटाले गैरभाजपा सरकारों के उजागर हो रहे हैं. ऐसा प्रतीत हो रहा है भाजपानीत सरकार वाले राज्यों में सिर्फ और सिर्फ सुशासन भ्रष्टाचार मुक्त सुशासन है.

यह अलग बात है कर्नाटक, हिमाचल में गैर भाजपा सरकार आते ही 40 फीसद वाले घोटाले भी उजागर होना शुरू हो गए हैं. खैर, झारखंड मामले में सीएम हेमंत सोरेन को ईडी ने दोनों घोटालों में 20 अगस्त 2023 को पहली बार समन भेजकर फाइल खोल दी थी. छह माह में लगातार 8 समन भेजे गए लेकिन हेमंत जब ईडी के समक्ष नहीं पहुंचे तो 20 जनवरी को ईडी टीम खुद पूछताछ के लिए सीएम निवास पर पहुंच गई. करीब 10 घंटे की लंबी पूछताछ के बाद 27 जनवरी को दसवां समन देकर फिर तलब कर लिया.

इस बार हेमंत ने 29 जनवरी को दिल्ली आवास पर मिलने का आश्वासन दिया, लेकिन इससे पहले वे समझ गए कि उन्हें दिल्ली छोड़ने नहीं मिलेगी. वही हुआ दिल्ली की स्क्रिप्ट ईडी की तय टाइम लाइन में 31 जनवरी को रांची में परफैक्ट शूट हो गई.