आगामी चुनावों के मद्देनजर नौकरियों का झुनझुना

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    केंद्र की मोदी सरकार ने 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए डेढ़ वर्षों के ‘मिशन मोड’ में 10 लाख लोगों को सरकारी नौकरियां देने की घोषणा की है. यह काम 2023 के अंत तक पूरा कर लिया जाएगा. लोकसभा चुनाव से पहले गुजरात, हिमाचल प्रदेश, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, राजस्थान सहित 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव हैं. इसे देखते हुए मोदी सरकार ने 8 वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद अब युवाओं को नौकरियों का झुनझुना पकड़ाया है.

    प्रधानमंत्री के मिशन मोड पर भर्तियों का निर्देश देने के बाद सरकार को युद्धस्तर पर भर्ती प्रक्रिया के लिए अभियान चलाना होगा. सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि 8 वर्ष पहले हर वर्ष युवाओं को 2 करोड़ नौकरियों का महाजुमला देने वाले मोदी ने एक बार फिर नौजवानों को अगले डेढ़ वर्ष में 10 लाख सरकारी नौकरियों का झांसा दिया है.

    जब 60 लाख सरकारी पद खाली हैं तो 10 लाख नौकरियों की बात कर किसे भ्रमित कर रहे हैं? प्रधानमंत्री नौकरियां बनाने में नहीं, नौकरियों पर न्यूज बनाने में एक्सपर्ट हैं. दूसरी ओर बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने भी सवाल किया कि 1 करोड़ से अधिक स्वीकृत परंतु रिक्त पदों को कब भरा जाएगा? हर वर्ष 2 करोड़ रोजगार देने का संकल्प पूरा करने के लिए और तेजी से कदम बढ़ाने होंगे.

    उल्लेखनीय है कि इस वर्ष 3 फरवरी और 30 मार्च को संसद में अपने उत्तर में कार्मिक राज्य मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा था कि 1 मार्च 2020 को देश में 8.72 लाख सरकारी पद खाली थे. इनमें ग्रुप-ए के 21,255, ग्रुप-बी के 94,842 तथा ग्रुप-सी के 7.56 लाख खाली पदों का समावेश था.

    किन सरकारी विभागों में कितनी वैकेंसी है, यह बताते हुए कहा गया था कि नागरी सुरक्षा में 2.47 लाख, रेलवे में 2.37 लाख, गृह मंत्रालय में 1.28 लाख, डाक विभाग में 90,050 तथा भारतीय अंकेक्षण व लेखा विभाग में 28,237 पद खाली हैं. प्रधानमंत्री ने सभी केंद्रीय मंत्रालयों के सचिवों के साथ 2 अप्रैल को बैठक की थी जिसमें सरकारी विभागों में मानव संसाधन स्थिति की समीक्षा की गई और युवाओं को नौकरियां देने में तेजी लाने का निर्देश दिया गया.