शताब्दी एक्सप्रेस में आग रेलवे में सुरक्षा ताक पर

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    रेलवे (Indian Railway) में सुरक्षा ताक पर है जबकि इसे सर्वाधिक प्राथमिकता दी जानी चाहिए. यात्री को उसके गंतव्य तक सुरक्षित पहुंचाने की जिम्मेदारी से रेल विभाग मुंह नहीं मोड़ सकता. यह कैसी अव्यवस्था है कि कहीं ट्रेन पटरी से उतर रही है तो कहीं बोगी जल रही है. इसका साफ मतलब है कि सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया जा रहा और यात्रियों की जान से खिलवाड़ हो रहा है. दिल्ली से देहरादून जा रही शताब्दी एक्सप्रेस (Shatabdi Express Fire) में हरिद्वार और देहरादून के बीच कंसारो स्टेशन के समीप आग लग गई और लपटें उठने लगीं व धुआं भर गया.

    14 बोगी की इस ट्रेन में 316 यात्री सवार थे जिस कोच में आग लगी उसमें बैठे सभी 35 यात्रियों (Passengers) को सकुशल ट्रेन से बाहर निकाल कर अन्य डिब्बों में बिठाया गया. यद्यपि कोई व्यक्ति हताहत नहीं हुआ परंतु यह घटना काफी खतरनाक थी. चलती ट्रेन में आग लग जाए तो हवा से लपटें फैलकर अन्य बोगियां भी चपेट में आ सकती हैं. इस घटना की जांच होनी चाहिए. क्या कोई व्यक्ति ज्वलनशील पदार्थ लेकर सफर कर रहा था या किसी घर्षण की वजह से चिनगारी उठकर आग लगी? अभी तो कोरोना काल में काफी कम ट्रेनें चल रही हैं. जब पूरी ट्रेनें चालू होंगी तब क्या होगा? सुरक्षा नियमों का तत्परता से पालन किया जाए तो ऐसे हादसों से बचा जा सकता है.