विरासत में मिली राजनीति, पिता से हटकर इन बेटियों ने बनाई अलग पहचान

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देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और कमला नेहरू की बेटी इंदिरा गांधी भारत की प्रथम महिला प्रधानमंत्री के रूप में अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए ‘विश्वराजनीति’ के इतिहास में जानी जाती हैं। इंदिरा प्रियदर्शिनी को परिवार के माहौल में राजनीतिक विचारधारा विरासत में प्राप्त हुई थी। यही कारण है कि पति फ़ीरोज़ गाँधी की मृत्यु से पूर्व ही इंदिरा गाँधी प्रमुख राजनीतिज्ञ बन गई थीं। कांग्रेस पार्टी की कार्यकारिणी में उनका चयन 1955 में ही हो गया था। वह कांग्रेस संसदीय मंडल की भी सदस्या रहीं। पंडित नेहरू उनके साथ राजनीतिक परामर्श करते और उन परामर्शों पर अमल भी करते थे।

इंदिरा गांधी ऐसी प्रधानमंत्री रहीं, जिनकी छाप आने वाले कई दशकों तक भारतीय राजनीति में दिखेगी। यही कारण है कि देश में पीएम पद की शपथ लेने वाले हर नए प्रधानमंत्री से उनकी तुलना होती है। यह तुलना, राजनीति, व्‍यक्तित्‍व और कार्यशौली जैसे मोर्चों पर होती है। मौजूदा पीएम नरेंद्र मोदी को उन्‍हीं की शैली का नेता माना जाता है। राजनीति के कई जानकारों के मुतबिक, राजनीति करने का मोदी का तरीका इंदिर गांधी से मेल खाता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि दोनों में यह समानता राजनीति के मोर्चे पर रही है। 

सप्रिया सुले

एनसीपी प्रमुख शरद पवार की इकलौती बेटी भी पार्टी की राजनीति में सक्रिय हैं और राज्य की टॉप महिला लीडर्स में शुमार की जाती हैं। बेटी सप्रिया सुले महाराष्ट्र की महिला नेताओं में शीर्ष हैं। सुप्रिया का जन्म 30 जून 1969 को हुआ। 50 वर्षीय सुले राजनीति में एक कद्दावार नेता हैं। उन्होंने पिता शरद पवार से अलग हटकर अपनी पहचान बनाई है।

शरद पवार और प्रतिभाताई ने शादी के बाद एक बच्चे का प्रण लिया था। सुप्रिया माइक्रोबायोलाजी से साइंस ग्रेजुएट हैं। पिता महाराष्ट्र की दिग्गज राजनीतिक हस्ती थे, इसके बावजूद सुप्रिया ने कॉलेज खत्म करने के बाद नौकरी की। उन्होंने पुणे के एक अखबार में नौकरी से अपने करियर की शुरुआत की। 2009 में सुप्रिया ने पवार के गढ़ बारामती लोकसभा क्षेत्र से लोकसभा का चुनाव लड़ा और सांसद बनीं। सुप्रिया ने राष्ट्रवादी युवती कांग्रेस के रूप में महाराष्ट्र में पार्टी का एक मजबूत महिला संगठन खड़ा किया।

पंकजा मुंडे

पंकजा मुंडे 26 जुलाई, 1971 को परली में जन्मी पंकजा भाजपा के दिवंगत नेता प्रमोद महाजन की भांजी और पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं। पंकजा मुंडे के राजनीतिक करियर की शुरुआत भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेशाध्यक्ष पद से हुई थी। साल 2001 में वह बीड जिले की परली विधानसभा सीट से पहली पार विधायक चुनी गई।

वर्तमान में भी वह परली सीट से MLA हैं। पंकजा के पति का नाम अमित पालवे है और वह पेशे से एक डॉक्टर हैं। पंकजा मुंडे की यशश्री और प्रीतम मुंडे दो बहने हैं। 2014 के लोकसभा चुनावों के दौरान पिता के चुनाव प्रचार की जिम्मेदारी लेते हुए पंकजा ने 300 गावों में 400 जनसभाएं की थी। पंकजा मुंडे पुणे में एक सॉफ्टवेयर कंपनी भी चलाती हैं।