Hemant Soren
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    तुष्टिकरण की राजनीति आखिर देश को कहां ले जाएगी? विधानसभा विधायी कामकाज के लिए है जहां जनहित के प्रश्नों पर चर्चा कर कानून बनाए जाते हैं. पक्ष और विपक्ष के बीच प्रस्तावित विधेयकों को लेकर बहस होती है और अपने-अपने तर्क रखे जाते हैं. यहां किसी धार्मिक कर्मकांड या नमाज की परिपाटी डालना अवांछित है. इसके लिए मंदिर-मस्जिद मौजूद हैं.

    विधानसभा में यह सब बातें क्यों होनी चाहिए. विधानसभा कर्म स्थल है, धर्मस्थल नहीं. आश्चर्य की बात है कि झारखंड विधानसभा में नमाज अदा करने के लिए एक अलग कमरा निर्धारित कर दिया गया. जब देश के अन्य राज्यों की विधानसभा में ऐसी कोई व्यवस्था नहीं की गई तो झारखंड में ही क्यों ऐसा किया गया? जाहिर है झारखंड की सरकार ने मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए इस तरह का कदम उठाया. क्रिया के जवाब में प्रतिक्रिया तो होगी ही!

    बीजेपी विधायकों ने भी सोमवार को भजन कीर्तन किया और मंगलवार को हनुमान चालीसा का पाठ किया. सभी ने गले में जय श्रीराम लिखा अंतरवस्त्र भी पहना. बीजेपी विधायक दल के नेता व पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी ने कहा कि विधानसभा को संकट से मुक्त करने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ किया गया. पार्टी के चीफ व्हीप विरंची नारायण ने कहा कि विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है. हम भी चाहते हैं कि यहां हनुमान चालीसा का पाठ न हो लेकिन जब सरकार के इशारे पर स्पीकर यहां नमाज अदा करवा सकते हैं तो हमें भी यहां हनुमान चालीसा का पाठ करना होगा. विधानसभा में नमाज के लिए अलग कमरा आवंटित करने के राज्य सरकार ने आदेश को रांची के भैरासिंह ने जनहित याचिका दायर कर झारखंड हाईकोर्ट में चुनौती दी है.