फिर चुनाव लड़ने की तैयारी, बाइडेन को लगी भूलने की बीमारी

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, किसी भी नेता की याददाश्त या मेमोरी शार्प होनी चाहिए लेकिन हैरत की बात है कि अमेरिका (America) के राष्ट्रपति जो बाइडेन (joe biden) की स्मरणशक्ति बेहद कमजोर हो गई है।  वह फिर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार हैं।  विश्व की एकमात्र महाशक्ति के मुखिया का दिमाग यदि थक जाए तो कितनी चिंता की बात है!’’

हमने कहा, ‘‘नेताओं की याददाश्त हमेशा कमजोर होती है।  हमारे देश के नेता भी चुनाव के समय जनता से किए गए वादे भूल जाते हैं।  पार्टी के प्रति अपनी निष्ठा को भूलकर दूसरी पार्टी या गठबंधन में चले जाते हैं। ’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बाइडेन की बात अलग है।  20 नवंबर 1942 को जन्मे बाइडेन 81 वर्ष के हैं और फिर प्रेसीडेंट चुने गए तो 85 वर्ष की उम्र तक अपने पद पर रहेंगे।  वे लोगों को पहचान नहीं पाते।  वे फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों को पूर्व राष्ट्रपति फ्रास्वां मितरां समझ बैठे। ऐसे ही जर्मनी की चांसलर एंजिला मर्केल को हेल्मट कोहल मान बैठे।  राष्ट्रपति पद की होड़ में चल रही निक्की हेली को उन्होंने नैन्सी पलोसी कह दिया।  गाजा को लेकर किए गए सवाल पर हमास का नाम भूल गए।  बाइडेन के दिमाग का स्क्रू ढीला हो गया है।  लगता है मतिष्क की कोशिकाएं या न्यूरान क्षतिग्रस्त होने से उन्हें अल्जाइमर या भूलने की बीमारी ने घेर लिया है।  अब बाइडेन को डिमेंशिया टेस्ट देना पड़ सकता है।  इसमें उन्हें ऊंट, शेर और गैंडे पहचानने होंगे। ’’

हमने कहा, ‘‘जब अमेरिका के लोगों को 77 वर्षीय ट्रंप और 81 वर्षीय बाइडेन से कोई प्राब्लम नहीं है तो आप क्यों फिक्र करते हैं? अमेरिकी मतदाताओं को बुजुर्ग प्रेसीडेंट चाहिए क्योंकि उनके देश में युवा राष्ट्रपति दिलफेंक हुआ करते हैं।  जॉन एफ केनेडी का अभिनेत्री मेरिलिन मुनरो से अफेयर था।  बिल क्लिंटन ने प्रेसीडेंट रहते हुए व्हाइट हाउस की इंटर्न मोनिका लेविंस्की के साथ अय्याशी की थी। ’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, ट्रंप में दोनों बातें हैं।  वे रंगीन मिजाज बूढ़े हैं।  फिलहाल भूलने की बात हो रही है।  हमारी फिल्मों में गीत हैं- इन रस्मों को, इन कसमों को इन रिश्ते-नातों को मैं ना भूलूंगा, मैं ना भूलूंगी! तुम मुझे भूल भी जाओ तो ये हक है तुम को, मेरी बात और है, मैंने तो मोहब्बत की है! बचपन के दिन भुला न देना, आज हंसें कल रुला ना देना! भूल भुलैयां नामक फिल्म भी आई थी।  भुलक्कड़ होने से बचना है तो अखरोट-बादाम खाओ, मेडिटेशन करो।  रोज क्रासवर्ड या वर्ग पहेली हल करो तो आप की हालत बाइडेन जैसी नहीं होगी। ’’