जिनके अदानी-अंबानी जैसे मित्र वो क्यों पढ़ेंगे कांग्रेस का घोषणापत्र

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, कांग्रेस (Congress) अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun Kharge) ने प्रधानमंत्री मोदी से समय मांगा है ताकि उन्हें कांग्रेस का घोषणापत्र (Manifesto) समझा सकें। इस पर आपकी क्या राय है?’’

हमने कहा, ‘‘बीजेपी नेताओं को कांग्रेस और उसके मेनिफेस्टो से क्या लेना-देना। मोदी और शाह तो कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं ताकि न रहेगा बांस न बजेगी बांसुरी! खड़गे को समझना चाहिए कि उल्टे घडे पर कितना भी पानी डालो, वह नहीं भरता! कांग्रेस का घोषणापत्र मोदी के लिए ग्रीक और लैटिन भाषा के समान दुरुह या कठिन होगा। जिसमें उनकी दिलचस्पी नहीं वह उन्हें क्यों समझाया जाएं। खड़गे का रवैया मान न मान, मैं तेरा मेहमान जैसा है। मोदी के मन की बात अपने आप में संपूर्ण है। उनके अंगने में कांग्रेस के मैनिफेस्टो का क्या काम है? यदि मोदी को कांग्रेस का घोषणापत्र दिया जाए तो वे उसे पढ़ना तो दूर, तुरंत कचरे की टोकरी में डाल देंगे। ’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, खड़गे को पता होना चाहिए कि बीजेपी के अधिकांश नेता चयन से आरएसएस की शाखा में जाते है जहां उन्हें कांग्रेस से नफरत करना सिखाया जाता है। उनके दिमाग में गांधी-नेहरु के प्रति नापसंदगी कूट-कूटकर भर दी जाती है। संघ के लोग सिर्फ संघ साहित्य पढ़ते हैं, बाकी चीजों को अनावश्यक मानते हैं। संघ के लोग और कम्युनिस्ट पूरे जीवन में कभी अपनी विचारधारा नहीं बदलते। यदि खड़गे मोदी को बताना चाहेंगे कि कांग्रेस ने देश को आजादी दिलाई तो मोदी बताएंगे कि असली आजादी तो 2014 में आई जब उनके नेतृत्व में बीजेपी केंद्र की सत्ता में आई और कांग्रेस के पाप से देश को मुक्ति मिली उनकी सरकार ने नेहरु म्यूजियम को बदलकर सभी प्रधानमंत्रियों को संग्रहालय बना दिया। स्पेशल सलून को जनरल बोगी बनाकर उसमें गुजराल, देवगौड़ा को भी डाल अंग्रेजों के जमाने के पार्लियामेंट हाउस की बजाय नया संसद भवन बना दिया। इतिहास से मुगल काल छूमंतर कर दिया। चाहे हिस्ट्री हो या कांग्रेसी नेताओं के भाषण सभी को अपनी सुविधानुसार तोड़-मरोड़ दिया। बीजेपी की प्रचार मशीनरी गजब का काम करती है। वह झूठ को सच बनाने की खासियत रखती है। ’’

हमने कहा, ‘‘कुछ भी हो, फिल्मों में जेम्स बॉन्ड है तो बीजेपी के पास चुनावी बॉन्ड की कमाई है। संघ और बीजेपी के कोई भी नेता घर में गांधी का फोटो नहीं लगाते लेकिन जेब में ऐसे नोट रखते हैं जिन पर गांधी की फोटो छपी रहती है। ’’