Lazy people enjoy, afternoon nap is beneficial

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पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, अमेरिका के नेशनल एरोनाटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के अनुसार दोपहर की नींद बड़ी फायदेमंद होती है. यदि इस वक्त कुछ मिनिटों से लेकर 45 मिनिट तक नींद ले ली जाए तो व्यक्ति ताजगी महसूस करता है. जिन पायलटों ने उड़ान के पहले 25 मिनिट नींद ले ली वे विमान उड़ाते समय अत्यंत सतर्क और चुस्त रहे.’’

हमने कहा, ‘‘यदि नौकरी करते समय कोई कर्मचारी टेबल पर सिर रखकर सो जाए या बैठे-बैठे झपकी लेने लगे और बॉस ने देख लिया तो उसका जॉब खतरे में पड़ सकता है. काम के दौरान सोनेवाला आलसी, निकम्मा या नाकारा समझा जाता है. सहकर्मी भी ऐसे सुस्त व्यक्ति का मजाक उड़ाते हैं. कभी-कभी अखबारों में किसी सांसद या विधायक के सदन में सो जाने के फोटे छपते रहते हैं. कहते हैं देवगौड़ा जब प्रधानमंत्री थे, तब उन्हें भी संसद की कार्यवाही के दौरान अचानक झपकी लग जाती थी. रात सोने के लिए है जबकि दिन में व्यक्ति को चुस्त-दुरुस्त रहना चाहिए.’’

पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, नाइट ड्यूटी करनेवाले दिन में सोते हैं. महाराष्ट्र में ‘वामकुक्षी’ और ‘शतपावली’ नामक शब्द प्रचलित हैं. खाना खाने के बाद 100 कदम चलो और फिर बायीं करवट लेकर सो जाओ. गुजरात में एक स्थान ऐसा भी है जहां विधानसभा चुनाव के दौरान नेता प्रचार करने गए तो एक भी आदमी नहीं मिला. सारी दूकानें, होटल-रेस्टारेंट बंद थे. वजह यह थी कि कई पीढि़यों से वहां के लोग दोपहर 1 से 4 बजे तक अपने घरों में खाना खाकर नींद लेते हैं. नींद अच्छी हुई तो काम करने के लिए एनर्जी आती है. जापान में दोपहर की नींद को ‘इनमुरी’ कहते हैं. वहां लोग कहीं भी सोते मिलेंगे यहां तक कि मेट्रो में भी सो जाते है, फिर भी जापान ने इतनी तरक्की की है.’’

हमने कहा, ‘‘यह मत भूलिए कि प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू रात 12 बजे से सुबह 4 बजे तक सिर्फ 4 घंटे सोते थे और फिर उठकर योगासन करने लग जाते थे. प्रधानमंत्री मोदी भी ऐसा ही करते हैं. वनवास के दौरान 14 वर्ष तक लक्ष्मणजी एक क्षण के लिए भी नहीं सोए थे. राज कपूर ने ‘जागते रहो’ नामक फिल्म बनाई थी. स्वामी विवेकानंद ने कहा था- उत्तिष्ठ, जागृत, प्राप्य वरान्निबोधत (उठो, जागो और अपने लक्ष्य को प्राप्त करो) काव्य पंक्तियां हैं- उठ जाग मुसाफिर भोर भई, जब रैन कहां जो सोवत है, जो सोवत है तो खोवत है, जो जागत है सो पावत है. इसलिए जीवन की घड़ियां सोने में मत बिताओ, कर्मठ बनो.’’