पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, बीजेपी के मध्यप्रदेश प्रभारी पी. मुरलीधर राव ने यह कहकर राजनीति में खलबली मचा दी कि उनकी एक जेब में ब्राम्हण और दूसरी जेब में बनिया हैं. हमारा सुझाव है कि उन्हें अपनी इतनी बड़ी जेब को गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज कराना चाहिए.’’ हमने कहा, “जेब का महत्व देखते हुए ही औरंगजेब और जेबुन्निसा जैसे नाम रखे गए. फिल्म ‘हिना’ की हीरोइन का नाम जेबा बख्तियार था. रिस्टवॉच के आने से पहले लोग पॉकेट वॉच या जेब घड़ी का इस्तेमाल करते थे. महात्मा गांधी के पास भी ऐसी घड़ी थी जो उनकी कमर से लटकी रहती थी.’’
पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, आपको कितने ही लोग ऐसे मिलेंगे जिनके कपड़े साफ लेकिन जेब खाली होती है. वे ऊपरी चमक-दमक में जीते हैं लेकिन भीतर से खोखले या दिवालिया हुआ करते हैं. दिखावा करने वाले कुछ ऐसे भी लोग होते हैं जो एक जेब में काजू और दूसरी जेब में मूंगफली रखते हैं. वैसे तो ये मूंगफली चबाते हैं लेकिन कोई सामने दिखा तो काजू निकालकर खाने लगते हैं. जिन लोगों को अपने साथ बड़ी रकम ले जानी पड़ती है, वे टेलर से कहकर पैंट या अंडरवियर में चोर खीसा या ‘गुप्त जेब’ अवश्य बनवाते हैं.’’
हमने कहा, ‘‘जेब है तो जेबकतरे भी हैं. लोग शर्ट-पैंट में पॉकेट न रखें तो पॉकेटमार या पिकपॉकेट भूखे मर जाएंगे. न उनका ब्लेड चल पाएगा, न उंगलियां कमाल दिखा पाएंगी.’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, बात मुरलीधर राव की हो रही है. मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राव को निशाने पर लेते हुए कहा कि बीजेपी के नेता सत्ता के नशे व अहंकार में चूर हो गए हैं. जिस वर्ग के नेताओं ने बीजेपी को खड़ा करने में महती भूमिका निभाई है, उन वर्गों का यह कैसा सम्मान!’’ हमने कहा, ‘‘कांग्रेस के नेता कुछ भी कहें लेकिन हकीकत यह है कि अन्य पार्टियों का सारा वोटबैंक फिलहाल बीजेपी की बड़ी सी जेब में समा चुका है.’’