nishanebaaz-Sonia Gandhi-Smriti Irani Row There was an altercation with Sonia, now Smriti Irani is not the humble

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, राजनीति में भी सास-बहू की नोकझोंक जैसे संवाद होने लगे हैं. इन संवादों को कोई लिखता नहीं है, बल्कि ये स्वयं ही जुबान पर आ जातें हैं.’’ हमने कहा, आज आपको इस तरह के रिश्तों की याद क्यों आ गई! पुरानी फिल्मों में ललिता पवार क्रूर सास और मीनाकुमारी सताई हुई बहू बना करती थी. इसके बाद टीवी पर सास-बहू वाले सोप आपरेरा या सीरियल खूब चले.’’

    पड़ोसी ने कहा, निशानेबाज यही तो मुद्दे की बात है. याद कीजिए अभिनेता जीतेंद्र की बेटी एकता कपूर द्वारा बनाए गए लोकप्रिय टीवी सीरियल भी जिसका नाम था- ‘क्योंकि सास भी कभी बहू थी.’ उसमें वर्तमान केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने परिवार को लेकर चलने वाली आदर्श बहू तुलसी का रोल किया था. यह सीरियल पूरे 7 वर्ष तक चला था.’’

    हमने कहा, ‘‘भूल जाइए वो 7 वर्ष, अब याद रखिए 8 वर्ष की मोदी सरकार को जिसमें स्मृति ईरानी मंत्री हैं. यहां उनकी भूमिका आज्ञाकारी और विनम्र तुलसी बहू की नहीं है बल्कि वो एक तेजतर्रार नेता हैं जो जल्दी ही तमतमा जाती हैं. जब कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बीजेपी सांसद रमादेवी से पूछा कि मेरा नाम क्यों लिया गया? इस पर बीच में टपक पड़ी स्मृति ईरानी ने अकड़ते हुए कहा, ‘‘मैम क्या में आपकी मदद कर सकती हूं. मैंने आपका नाम लिया. इस पर सोनिया ने कहा, ‘‘मैं आपसे बात करना नहीं चाहती.. स्मृति का आरोप है कि सोनिया ने उनका अपमान किया.’’

    हमने कहा, ‘‘किसी ने बात करना या न करना व्यक्तिगत पसंद का मामला है. अपने बेटे राहुल को अमेठी में हराने वाली स्मृति से सोनिया क्यों बात करना चाहेंगी. उन्होंने कह दिया आई डोंट वोट टु टाक टु यू!’’ पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, यदि एकता कपूर का डायरेक्शन रहता तो स्मृति ईरानी अपने स्वर में विनम्रता और मिठास घोलकर सोनिया से कहतीं, बा, मैंने आपका नाम लिया है.’’