जिसके पास हो तख्त, सचमुच उसी का होता है वक्त

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    पड़ोसी ने हमसे कहा, ‘‘निशानेबाज, भारतीय रिजर्व बैंक ने रेपो रेट अर्थात बैंकों को दिए जाने वाले कर्ज की दर में 0.4 प्रतिशत की वृद्धि की. इसे लेकर वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि इस निर्णय का समय या वक्त हैरान करनेवाला है. इस पर आपकी क्या राय है?’’ 

    हमने कहा, ‘‘आश्चर्य की बात है कि वित्त मंत्री को पता ही नहीं था कि उनकी नाक के नीचे रिजर्व बैंक क्या करने जा रहा है! इसका मतलब तालमेल की कमी है. जहां तक वक्त की बात है, रिजर्व बैंक ने सोच-समझकर समय पर सही काम किया क्योंकि महंगाई का दबाव बढ़ रहा था और रूस-यूक्रेन युद्ध की वजह से कच्चे तेल की कीमतों में वृद्धि हो रही थी.’’ 

    पड़ोसी ने कहा, ‘‘निशानेबाज, सही समय पर कोई काम कर लेना चाहिए क्योंकि समय किसी के लिए रुकता नहीं है. कहावत है- समय चूकि पुनि का पछताने. समय चूक जाने के बाद पछताने की नौबत आती है. वक्त की पाबंदी बड़ी चीज है जिसे टाइम मैनेजमेंट कहते हैं. रिजर्व बैंक ने वित्त मंत्री को भनक भी नहीं लगने दी और टाइम पर उचित निर्णय ले लिया.’’ 

    हमने कहा, ‘‘आरबीआई ने दिखा दिया कि अपना टाइम आएगा! आपने गीत सुना होगा- वक्त ने किया क्या हसीं सितम, हम रहे ना हम, तुम रहे ना तुम! बीआर चोपड़ा ने तो ‘वक्त’ नामक मल्टीस्टारर फिल्म भी बना डाली थी. वक्त किस तरह करवट लेता है, इसे भी समझिए. शाहजहां के बनवाए हुए ताजमहल को राजपूत राजाओं द्वारा बनवाया गया ‘तेजोमहालय’ नामक भव्य शिवमंदिर बताया जा रहा है. 

    कहा जा रहा है कि उसके बंद 12 कमरों को खोला जाए तो वहां मंदिर और मूर्तियां मौजूद मिलेंगी. कुतुबुद्दीन ऐबक ने जिस कुतुबमीनार को बनवाया, वहां भी गणेश मूर्ति होने की बात कही जा रही है. अटलबिहारी वाजपेयी ने कविता लिखी थी- तन भी हिंदू, मन भी हिंदू…’ 

    अब मोदी शासन में वक्त बताने लगा है- देश भी हिंदू, वेश भी हिंदू. काशी विश्वनाथ मंदिर और कृष्ण जन्मभूमि मथुरा को अतिक्रमण से मुक्त कराने की मांग की जा रही है. मोदी के पीएम रहते यह हिंदू पुनर्जागरण का समय आ गया है. इधर अजान है तो उधर महाबली हनुमान. इसलिए वक्त की कद्र करो, वक्त बड़ी चीज है.’’