Ghulam Nabi Azad
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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद (Ghulam Nabi Azadकी राज्यसभा में विदाई के समय उनकी प्रशंसा करते हुए जैसा आत्मीयता जताने वाला लंबा भाषण दिया था, तभी लगने लगा था कि बीजेपी उन्हें अपने पाले में लाने की फिराक में है. बीजेपी (BJP) के पास कोई प्रभावशाली मुस्लिम नेता नहीं है. जो नेता हैं, उनका कद गुलाम नबी आजाद जैसा नहीं है. इसके अलावा कश्मीर में कभी न कभी विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे. इसलिए बीजेपी को वहां एक असरदार मुस्लिम चेहरा चाहिए जो फारूक व उमर अब्दुल्ला तथा महबूबा मुफ्ती (Mehbooba Mufti)को टक्कर दे सके. इस लिहाज से गुलाम नबी से निकटता बढ़ाई जा रही है.

    ऐसा पहली बार हुआ कि मोदी सरकार के समारोह में कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद के कटआउट लगे. अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय की ओर से डा. आंबेडकर इंटरनेशनल सेंटर में ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ मुशायरे का आयोजन किया गया जिसमें गुलाम नबी आजाद मुख्य अतिथि थे. इस तरह मोदी सरकार ने इस कांग्रेस नेता को विशिष्ट सम्मान प्रदान किया. आजाद के साथ केंद्र सरकार के 2 मंत्री डा. जितेंद्र सिंह और मुख्तार अब्बास नकवी बैठे थे. कांग्रेस में इतनी क्षमता नहीं है कि आजाद को पुन: राज्यसभा के लिए निर्वाचित कर सके. इसके अलावा आजाद कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं में से एक हैं. उनकी वरिष्ठता व अनुभव देखते हुए बीजेपी उन्हें उसी प्रकार अपनी ओर खींचने के प्रयास में है जैसे उसने ज्योतिरादित्य सिंधिया को खींचा था.