Pune Police action in Maharashtra phone tapping case FIR registered against IPS officer Rashmi Shukla
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    मुंबई: बंबई उच्च न्यायालय ने बृहस्पतिवार को शहर पुलिस को यह स्पष्ट करने का निर्देश दिया कि क्या महाराष्ट्र में पुलिस के तबादलों और पदस्थापना संबंधी गोपनीय दस्तावेजों को कथित रूप से लीक करने तथा अवैध रूप से फोन टैप किए जाने के मामले में वह वरिष्ठ आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) अधिकारी रश्मि शुक्ला को आरोपी के रूप में नामजद करना चाहती है।

    न्यायमूर्ति नितिन जामदार और न्यायमूर्ति सारंग कोतवाल की खंडपीठ ने पुलिस से कहा कि वह जांच में हुई प्रगति के बारे में भी 25 अक्टूबर तक अदालत को जानकारी दे। अदालत ने इस बात पर भी गौर किया कि इस मामले में प्राथमिकी इस साल मार्च में दर्ज की गई थी।

    शुक्ला ने अदालत में याचिका दायर कर इस संबंध में प्राथमिकी रद्द करने और मामला केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपने का अनुरोध किया है, जो महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ पहले ही जांच कर रहा है। शुक्ला की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता महेश जेठमलानी ने अदालत का ध्यान याचिका के संबंध में पुलिस द्वारा दाखिल हलफनामे की ओर आकर्षित किया जिसमें कहा गया है कि शुक्ला को आरोपी के रूप में नामजद नहीं किया गया है।

    वरिष्ठ अधिवक्ता डेरियस खंबाटा ने अदालत से कहा कि याचिकाकर्ता को अभी तक आरोपी के रूप में नामजद नहीं किया गया है, लेकिन यह पता लगाने के लिए जांच जारी है कि संवेदनशील सरकारी दस्तावेजों को लीक करने के लिए कौन जिम्मेदार था। इसके बाद पीठ ने कहा कि यदि शुक्ला को आरोपी के तौर पर नामजद नहीं किया गया है और यदि पुलिस का उन्हें नामजद करने का इरादा नहीं है, तो अदालत को इस याचिका की सुनवाई करने में अपना समय बर्बाद नहीं करना चाहिए।

    अदालत ने कहा, ‘‘आप (पुलिस) स्पष्ट कीजिए कि क्या उन्हें आरोपी के रूप में नामजद किया जाएगा या नहीं। इसके बाद जब भी उन्हें आरोपी के रूप में नामजद किया जाएगा, तो वह फिर से अदालत के पास आ सकती हैं।” अदालत ने मामले की आगे की सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तिथि तय की।

    शुक्ला ने अपनी याचिका में आरोप लगाया है कि पुलिस स्थानांतरण एवं पदस्थापना में कथित भ्रष्टाचार पर रिपोर्ट जमा करने के लिए महाराष्ट्र सरकार उन्हें बलि का बकरा बना रही है और उन्हें निशाना बनाया जा रहा है। शुक्ला ने याचिका में कहा है कि राज्य खुफिया विभाग ने निगरानी के लिए राज्य सरकार के अतिरिक्त मुख्य सचिव से पूर्व अनुमति ली थी। शुक्ला इस समय केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल के दक्षिण क्षेत्र की अतिरिक्त महानिेदेशक के पद पर हैदराबाद में तैनात है। 

    शुक्ला ने जिस प्राथमिकी को रद्द करने का अनुरोध किया है वह मुंबई के बीकेसी साइबर पुलिस थाने में दर्ज की गई है। यह प्राथमिकी कथित तौर पर गैर कानूनी तरीके से फोन टैप करने और गोपनीय दस्तावेजों एवं सूचना लीक करने के मामले में अज्ञात लोगों के खिलाफ दर्ज की गई है। आरोप है कि फोन टैप करने की यह घटना पिछले साल तब हुई थी, जब शुक्ला राज्य खुफिया विभाग की प्रमुख थीं।(एजेंसी)